जमीन में दबा हैंडपंप, पानी की परेशानी
कोंच, संवाद सहयोगी : इसे जल संस्थान की उदासीनता कहें या फिर कार्यदायी संस्थाओं की मनमानी कि अच्छे भ
कोंच, संवाद सहयोगी : इसे जल संस्थान की उदासीनता कहें या फिर कार्यदायी संस्थाओं की मनमानी कि अच्छे भले हैंडपंप को मलबे के ढेर में दबाकर इलाके में पेयजल का संकट खड़ा कर दिया।
नगर के मध्य स्थित गांधी नगर मुहल्ले की मलिन बस्ती में बीते लगभग एक वर्ष से सरकारी हैंडपंप को मिट्टी के नीचे दाब दिया गया। यह कार्य उस समय किया जब इस इलाके में नाले पर एक पुल का निर्माण कराया गया था। हालांकि हैंडपंप दबाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था लेकिन कार्यदायी संस्था ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। एक वर्ष का समय बीत चुका है लेकिन हैंडपंप की स्थिति जहां की तहां है। मलबे में दबे हैंडपंप का कोई हैंडिल भी निकाल ले गया। इतने लंबे समय से दबे हैंडपंप को बाहर निकलवाने के लिए इलाकाई लोगों ने पूर्व में कई बार प्रयास किया परंतु उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पायी। मलिन एवं गरीब वर्ग के परिवार हैंडपंप से पानी भरकर अपनी जरूरतों को पूरा किया करते थे लेकिन अब उन्हें पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता है जिससे उन्हें भारी कठिनाई हो रही है। लोगों ने इसे दोबारा चालू कराने की मांग की है।