मेडिकल कालेज में भी लगे रहते कूड़े के ढेर
उरई, जागरण संवाददाता : स्वच्छता को लेकर अभी तक लोगों में जागरूकता नहीं आ पाई है। आम स्थानों की तो बा
उरई, जागरण संवाददाता : स्वच्छता को लेकर अभी तक लोगों में जागरूकता नहीं आ पाई है। आम स्थानों की तो बात ही छोड़ दें, मेडिकल कालेज तक में कूड़ा कचरा निस्तारण का कोई पुख्ता साधन नहीं हैं। जिसके चलते परिसर में जगह-जगह गंदगी पसरी रहती है। इससे मेडिकल कालेज परिसर की सूरत बदरंग नजर आती है। जबकि अस्पतालों को प्रमुख तौर पर कचरा निस्तारण के लिए सजग रहना चाहिए। निर्देश यह भी हैं कि अस्पतालों के आसपास मेडिकल कचरा नहीं फेंका जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर योग गुरु बाबा रामदेव तक देश में स्वच्छता की अलख जगाने की मुहिम चला रहे हैं। कई बार आह्वान करने के साथ ही खुद भी अभियान की शुरूआत की इसके बावजूद लोगों में जागरूकता नहीं आ पा रही है। हालत यह है कि कुछ दिन तक तो लोग अमल करते हैं बाद में फिर वही पुराना ढर्रा पकड़ लेते हैं। इससे स्वच्छता मिशन का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि पहले की अपेक्षा कुछ बदलाव देखने को मिला है, लेकिन जहां पर गंदगी नहीं रहनी चाहिए वहीं के जिम्मेदार लोग गलती करते हैं। मेडिकल कालेज इसका उदाहरण है। यहां पर कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था ही नहीं है। मेडिकल कालेज परिसर में बने आवासों से निकलने वाले कूड़े को आस पास ही डाल दिया जाता है। इसके साथ ही मेडिकल का कचरा भी डाल दिया जाता है। इससे कई स्थानों पर गंदगी पसरी रहती है। जबकि निर्देश यह हैं कि अस्पतालों को मेडिकल कचरे के निस्तारण की व्यवस्था करनी ही होगी। इस कचरे को आस पास भी नहीं डाला जायेगा लेकिन इस पर अमल करने की जरूरत ही कोई नहीं समझता है। जिसके चलते स्वच्छता अभियान को झटका लग रहा है। इस संबंध में प्राचार्य डा. सुरेन्द्र चंद्र का कहना है कि जल्द ही मेडिकल कालेज में कूड़ा निस्तारण के लिए कार्य योजना तैयार सफाई व्यवस्था दुरस्त कराई जाएगी।
क्या कहते हैं लोग
देखने में आता है कि अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को आस पास ही डाल दिया जाता है जो कि अनुचित है। अस्पतालों को कचरा निस्तारण की व्यवस्था करनी चाहिए। -नागेंद्र कुलश्रेष्ठ
मेडिकल कालेज जैसे स्थान पर कूड़ा करकट पड़ा हो तो यह लापरवाही वाली बात है। इतने बड़े अस्पताल में कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था ही नहीं है। -मान ¨सह यादव
सफाई के प्रति आम नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। सोच बदलने की जरूरत है लेकिन इसके प्रति लापरवाही बरती जा रही है। -रोहित त्रिपाठी
वातावरण को साफ सुथरा रखने के लिए लोगों को सफाई के महत्व से परिचित कराया जा रहा है। इसके प्रति लोगों को जागरूक होना होगा। तभी बात बनेगी। -सूर्य नायक।