अब नहीं नजर आते फुटपाथ, सड़कें भी तंग
जालौन, संवाद सहयोगी : कस्बे में अतिक्रमण की समस्या लगातार बढ़ रही है। प्रभावी तौर पर कार्यवाही न होन
जालौन, संवाद सहयोगी : कस्बे में अतिक्रमण की समस्या लगातार बढ़ रही है। प्रभावी तौर पर कार्यवाही न होने से फुटपाथों के साथ सड़कें भी अतिक्रमणकारियों की चपेट में आ गयी हैं। इससे पैदल राहगीर तो परेशान हो ही रहे हैं यातायात में भी व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके बावजूद इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जिससे लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लगातार गंभीर होती जा रही समस्या पर ध्यान देने की जरूरत किसी को नहीं है। स्थानीय लोगों की समस्या यह है कि वह किसके पास परेशानी को लेकर जायें। कोई सुनवाई को तैयार ही नहीं होता।
बाजार और भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर तो खास तौर पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। इसकी मुख्य वजह यह है कि फुटपाथ के दुकानदारों की बिक्री इन्हीं स्थानों पर होती है। चौराहों पर फल की दुकानें, चाय पान के स्टाल, मैकेनिक की दुकाने सड़कों व फुटपाथों पर ही सजती हैं। इसके अलावा जो थोड़ा बहुत जगह कहीं बच जाती है तो लोग अपने वाहन पार्क कर देते हैं। इस हालत में लोग पैदल निकलने को भी तरस जाते हैं। वाहनों को निकलने में भी दिक्कत होती है। झंडा चौराहे से लेकर बंबई वाले मंदिर तक, मुख्य बाजार, औरैया रोड पर अतिक्रमण की समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है। इससे स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं। इस समस्या के लिए अकेले अस्थाई दुकानदार ही जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि स्थाई दुकानदार भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इस अव्यवस्था का खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ता है। लोग जान जोखिम में डालकर सड़क से ही निकलते हैं। हालत यह होती है कि पता नहीं कौन कब किस वाहन की चपेट में आकर अपने हाथ पैर तुड़वा बैठे। नगर वासी इस समस्या को झेलते आजिज आ चुके हैं। बाजारों का हाल तो बहुत ही बुरा है। यहां पर साइकिल लेकर भी लोग गलियों में नहीं घुस सकते हैं। खरीददारी करने आने वाले घुटन सी महसूस करते हैं। तिल रखने की जगह भी तंग गलियों में नहीं रहती है। जबकि अधिकारी चाह लें तो समस्या का निराकरण होने में जरा भी वक्त न लगे। नगर में किसी को भी यह नहीं पता कि समस्या से छुटकारा कब मिलेगा।
बा¨शदों का दर्द
अतिक्रमण की समस्या अब बढ़ती जा रही है। लोगों की सुविधा के लिए बनवाये गये फुटपाथ अब दुकानदारों के कब्जे में है।
कुलदीप
फुटपाथों पर अतिक्रमण हो जाने से स्थानीय बा¨शदों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अगर प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई तो यह विकराल रूप धारण कर लेगी ।
सियाराम
अतिक्रमण को हटाने सख्ती दिखायी जानी चाहिए जिससे इसका सफाया हो सके। केवल कार्ययोजना बनाने से काम नहीं बनेगा।
बबलू
पैदल राहगीरों की सुविधा के लिए फुटपाथ बनाये गये हैं न कि दुकानदारों के अतिक्रमण के लिए। अधिकारी इस तरफ ध्यान दें।
दयाशंकर
दुकानदारों का दर्द
गरीब आदमी के लिए फुटपाथ ही सहारा है। जहां पर दो पैसे की आमदनी होगी वहीं पर दुकान लगाना हमारी मजबूरी है। इसके सिवा जायें कहां।
संतराम
गरीबी के कारण सड़क के किनारे बैठने को मजबूर हैं। लोगों की बातें सुनते हैं लेकिन चुप रहते हैं क्योंकि यहीं बैठकर परिवार का भरण पोषण करना है।
संतोष
अस्थाई दुकानदार स्थाई रूप से फुटपाथ पर कब्जा नहीं किये हैं। कुछ घंटे बैठकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
ज्वाला
फुटपाथ पर बैठते जरूर हैं पर किसी निकलने वाले को मना नहीं करते हैं। कभी कभी तो लोग नुकसान करके निकल जाते हैं फिर भी हम कुछ नहीं कहते।
दीपक
जिम्मेदार बोले
अतिक्रमण को हटवाने के लिए जल्द ही अभियान चलेगा। दुकानदारों को नोटिस दिए जा चुके हैं और अब जल्द ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।
प्रेमचंद ¨सह एसडीएम
पुलिस अतिक्रमण को लेकर सख्ती कर रही है। जल्दी ही अभियान भी चलाया जायेगा। किसी को भी अव्यवस्था फैलाने का अधिकार नहीं है।
कुलदीप ¨सह सीओ
नगर पालिका ने अतिक्रमण चिन्हित कर इसको हटाने की पूरी तैयारी कर ली है लेकिन अभियान वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में ही चलाया जायेगा।
डीपी ¨सह अधिशाषी अधिकारी