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'सीएम साहब, यह तो बवाल करवाने पर उतारू'

उरई, जागरण संवाददाता : विद्युत कर्मचारियों बेपरवाही किसी भी दिन नगर में कानून व्यवस्था के लिए खतरा ब

By Edited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 08:55 PM (IST)
'सीएम साहब, यह तो बवाल करवाने पर उतारू'

उरई, जागरण संवाददाता : विद्युत कर्मचारियों बेपरवाही किसी भी दिन नगर में कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है। आपूर्ति समय में भी बिजली गायब होने पर जिस तरह से अधिकारी, कर्मचारी फोन रिसीव नहीं करते और रिसीव कर भी लिया तो अभद्र व्यवहार करने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में लोगों का गुस्सा फूट सकता है।

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9 घंटे की घोषित कटौती के बावजूद नगर में किसी भी फीडर पर 15 घंटे तो क्या 12 घंटे भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बारिश न होने की वजह से भीषण गर्मी और उमस लोग झेल रहे हैं। आपूर्ति समय में भी बिजली गुल रहने की वजह से समस्या गहराती जा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फीडर पांच की स्थिति तो बेहद खराब हो चुकी है। यहां पर बिजली आती नहीं और आती है तो चंद मिनटों बाद गायब और उसके बाद लो या हाई वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। बुधवार को भी यही हुआ। सुबह 4 बजे रो¨स्टग के तहत कटौती की गई। सुबह 6 बजे बिजली आनी थी, आई भी परंतु चंद मिनटों बाद ही गायब हो गई। इसके बाद 7 बजे बिजली आपूर्ति शुरू हुई लेकिन फिर वही, इसके बाद 9 बजे तक बिजली के दर्शन नहीं हुए। 9 बजे से फिर कटौती का समय हो गया। अपराह्न 1 बजे बिजली आनी थी परंतु फिर भी बिजली नहीं आई। 9 घंटे तक बिजली गायब रहने और दोपहर में तेज गर्मी की वजह से लोग परेशान थे। फीडर 5 का फोन मिलाया गया परंतु वह स्विच ऑफ मिला। हालांकि बाद में यह खुला भी परंतु बिजी बताता या फिर रिसीव करने की जहमत नहीं उठाई गई। लोगों ने थक हारकर 132 केवीए का फोन मिलाया। यहां पर मौजूद कर्मचारी समस्या बताने की बजाय झल्लाकर फोन करने वालों को नसीहतें दे रहा था या फिर उनको यह आभास करवा रहा था कि मानो उसने यहां फोन मिलाकर कोई बहुत बड़ी खता कर दी हो। और तो और अधिशाषी अभियंता साहब के फोन की घंटी भी घनघनाती रही परंतु उन्होंने भी फोन रिसीव करने की फुरसत नहीं थी। गनीमत रही कि पौने 2 बजे के आसपास बिजली चमक गई लेकिन सुबह की तरह ढर्रा जारी रहा और आवाजाही नहीं थमी। शाम 4 बजे से तो हाई और लो वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई, जिससे बिजली का आना भी व्यर्थ हो गया। संतोष कुमार, मनीष के घर के कई बिजली के उपकरण फुंक गए। शाम 6 बजे फिर कटौती हो गई। सुबह से बिजली न आने की वजह से राजेंद्र नगर, पटेल नगर, पांडेय नगर में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते रहे। सौरभ चतुर्वेदी ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पूरी तरह उदासीन हो चुके हैं। यही कारण है कि विद्युत व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। एक तरफ लोगों को बिजली नहीं मिलती और दूसरी ओर तार टूटने से लोगों की मौतें हो जाती हैं। शैलेन्द्र पांडेय ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारी ही क्या अधिकारी ही इस तरह की हरकतें कर रहे हैं जिससे लोग परेशान हो चुके हैं। अगर कोई हादसा भी हो जाए तो फोन रिसीव न होने की वजह से कोई सूचना नहीं दे सकता। शफीकुर्रहमान कश्फी का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय विद्युत विभाग के कर्मी सरकार के खिलाफ कोई अभियान चला रहे हैं, जिन्होंने विद्युत आपूर्ति दुरुस्त न रहने देने का मन बना लिया है, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। संजय दुबे ने कहा कि आपूर्ति समय में भी विद्युत आपूर्ति न होने की वजह से लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि कब कोई बड़ी घटना हो जाए।

इनसेट.....हदरुख फीडर का हाल बेहाल

उरई : एक तरफ मुख्यमंत्री शहरों के साथ ही गांवों में भी बेहतर विद्युत आपूर्ति देने का वायदा कर रहे हैं दूसरी ओर विद्युत विभाग की हरकतों से तयशुदा आपूर्ति भी नहीं मिल रही है। जिला मुख्यालय की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र का भी हाल बेहाल है। कुठौंद क्षेत्र के हदरुख फीडर से जुड़े गांवों के लोग इस समय बेहद परेशान हैं। यहां पर भी ट्रि¨पग तो कभी फाल्ट के नाम पर विद्युत आपूर्ति बंद रखी जाती है। यहां पर भी कर्मचारी उपभोक्ताओं को जानकारी देने की जहमत नहीं उठाते जिससे ग्रामीणों में भी विद्युत विभाग के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है।


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