जमीन पर अतिक्रमण, नहीं बना अग्निशमन केंद्र
माधौगढ़, संवाद सहयोगी : क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं में कई बार गांव-गांव जलकर स्वाहा हो गए लेकिन वर्
माधौगढ़, संवाद सहयोगी : क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं में कई बार गांव-गांव जलकर स्वाहा हो गए लेकिन वर्ष, 1995 से लेकर आज तक यहां अग्निशमन केंद्र की स्थापना नहीं कराई गई है। जिससे भीषण आग लगने से उरई व जालौन से गाड़ियां जाती हैं जिससे घंटों का समय लग जाता है तब तक लोगों का काफी नुकसान हो जाता है।
कस्बे को वर्ष 1995 में तहसील का दर्जा मिल गया था। इसके बाद अग्निशमन केंद्र के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई थी, लेकिन आज तक यहां अग्निशमन केंद्र की स्थापना नहीं हुई है। यहां अग्निशमन केंद्र न होने से क्षेत्र के गांवों में आग लगने पर लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है। कस्बे में न तो फायर बिग्रेड की गाड़ियां हैं और न ही सब स्टेशन बनाया गया है। जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जमीन मुहैया होने के बाद भी विभाग यहां इसकी स्थापना नहीं करा रहा है जिससे क्षेत्रीय लोगों को आग लगने पर फायर बिग्रेड की गाड़ियों पर निर्भर न रहकर खुद आग बुझाने का प्रयास करना पड़ता है। क्योंकि गाड़ियों को पहुंचने में 2 से 3 घंटे का समय लगता है। क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि यहां फायर सब स्टेशन बनवाया जाये जिससे आगजनी की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
नागरिकों की सुनें
क्षेत्र के किसी भी गांव में आग लगने पर ग्रामीणों को प्रयास करके आग बुझानी पड़ती है। जब तक फायर गाड़ियां आती हैं तब तक सब स्वाहा हो जाता है। -कृष्ण अवतार
यहां पर फायर सब स्टेशन बनवाने के लिए जमीन पड़ी हुई है फिर भी विभाग इस पर अपना स्टेशन स्थापित नहीं कर रहा है जिससे इस पर लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है। -श्रीप्रकाश
आग लगने पर फायर बिग्रेड की गाड़ियों को आने में कई घंटे का समय लगता है जिससे कई बार लोगों की गृहस्थी जलकर स्वाहा हो चुकी है।
-सुशील पचौरी
स्थानीय बा¨शदे कई बार इसकी शिकायत आला अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी कि इस ओर वे ध्यान दें सकें। -राम कुमार।
क्या बोले जवाबदेह
अग्निशमन केंद्र का मामला शासन स्तर पर विचाराधीन है। इसके लिए लगातार पत्राचार चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही अग्नि शमन केंद्र का निर्माण शुरू हो जाएगा। -आनन्द कुमार, अपर जिलाधिकारी