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लीड) दर्द-1) शहर की मुख्य धारा से कटा है मिर्जापुर जागीर

प्रदीप गौरव, माधौगढ़ : कई दशक तक डाकुओं के आतंक से प्रभावित रहा मध्य प्रदेश की सीमा से सटा मिजार्

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 06:51 PM (IST)
लीड) दर्द-1) शहर की मुख्य धारा से कटा है मिर्जापुर जागीर

प्रदीप गौरव, माधौगढ़ :

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कई दशक तक डाकुओं के आतंक से प्रभावित रहा मध्य प्रदेश की सीमा से सटा मिजार्पुर जागीर गांव दस्यु गिरोहों के खात्मे के बाद दहशत से भले ही मुक्त हो गया हो, लेकिन अभी भी यह विकास की मुख्य धारा से कटा हुआ है। हालत यह है कि बारिश के दिनों यहां से आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। जीविका की तलाश में गांव के ज्यादातर युवा दूसरे प्रांतों में जाकर धंधा कर रहे हैं।

¨सचाई के साधन नहीं होने की वजह से खेती में च्च्छी उपज नहीं हो पाती। सरकारी योजनाएं भी यहां तक पहुंचते पहुंचते खत्म हो जाती हैं।मध्य प्रदेश की सीमा से सटा माधौगढ़ तहसील के गांव पंचायत मिर्जापुर जागीर में अंगदेला की मड़ैया मजरा भी आता है। घनघोर बीहड़ इलाके में होने की वजह से कई दशक तक यह गांव डाकुओं के आतंक से प्रभावित रहा है, लेकिन अब गांव में दशहत तो खत्म हो गई, लेकिन विकास की गंगा नहीं बह सकी। जिससे यहां के लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।

ग्रामीणों की सुनें

रामपुर से गांव का संपर्क मार्ग जब तक ठीक नहीं होगा तब तक गांव की दशा नहीं सुधरेगी। चुनाव के समय तो गांव में विकास के तमाम सपने नेता दिखा जाते हैं, बाद में वे उन्हें भूल जाते हैं।

राकेश कुमार

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कम से कम स्कूल ही रोज खुलेंच्तो बच्चे ही पढ़ जाएं, संपन्न घरों के लोग तो अच्ने बच्चों को मध्यप्रदेश भेज कर पढ़ा लेते हैं सबसे बुरी हालत तो गरीबों की है।

- दिनेश याज्ञिक

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समस्याएं हमारा साथ नहीं छोड़ रही। पहले डाकुओं की वजह से गांव का विकास नहीं हो पाया। अब जबकि डाकुओं का खात्मा हो गया है उसके बाद भी अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है।

- निर्मक ¨सह

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बीमार होने पर यहां प्राथमिक उपचार तक मिलना मुश्किल हो जाता है। गांव में एएनएम सेंटर तो हैं लेकिन खुलता नहीं है। बीमारी में इलाज के लिए या तो रामपुरा या फिर मध्य प्रदेश जाना पड़ता है। - विनय कुमार

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¨सचाई के साधन ही दुरुस्त स्थापित करा दिए जाएं तो कम से कम खच्ती में अच्छी पैदावार होने लगेगी। नहीं तो यहां के लोग मुफलिसी में डूबते जाएंगे। जितेंद्र अधिकारी भी कभी उनके गांव का निरीक्षण करने नहीं आते हैं, जिनके सामने वे अपनी समस्याएं बता सकें। यहां सबसे बड़ी दिक्कत संपर्क मार्ग ठीक न होना है।

- रामऔतार

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बोले ग्राम प्रधान

पेयजल सप्लाई के लिए बिछी पाइप लाइन को दुरुस्त कराने के लिए कई बार जल संस्थान के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। मौजूदा साधनों के हिसाब से गांव में जितना संभव है विकास कार्य कराने की कोशिश की जा रही है।

- मनोज कुमार चतुर्वेदी।


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