24 घंटे में दूसरी बार ओलावृष्टिं
कालपी, संवाद सहयोगी : सोमवार के बाद मंगलवार दोपहर दोबारा ओलावृष्टि होने से किसानों की रबी की फसलें च
कालपी, संवाद सहयोगी : सोमवार के बाद मंगलवार दोपहर दोबारा ओलावृष्टि होने से किसानों की रबी की फसलें चौपट हो गई हैं। गेहूं, सरसों, मटर, समेत अन्य फसलें ओलावृष्टि से पूरी तरह से बर्बाद होने के कारण किसानों के आंसू नहीं थम रहे हैं। इस कारण मंगलवार सुबह कई किसानों के घर चूल्हे तक नहीं जले।
कदौरा क्षेत्र के गांव मवई, सौंधी, गुलौली, मुहारी, हासा, सुरौली, बरही, बबीना, जयरामपुर, धमना व तिरही समेत एक दर्जन गांवों में मंगलवार दोपहर में बारिश के साथ छोटे-छोटे ओले पड़े। जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं। किसानों का कहना था कि सोमवार को हुई बारिश के बाद 10-20 फीसद फसल की उम्मीद बची थी, वह भी आज की बारिश से खत्म हो गई हैं। किसानों का कहना है कि बारिश और ओलावृष्टि से अब उनके सामने बीज, सिंचाई आदि की लागत तक नहीं निकल पाएगी और न ही किसान क्रेडिट कार्ड का कर्ज वह लोग चुका पाएंगे। ऐसे में अब उनके सामने सरकार से ही उम्मीद बची है। उधर, दूसरे दिन भी ओलावृष्टि होने और धूप न निकलने की वजह से फसलें सड़ जाने का खतरा मड़राने लगा है।
कुठौंद संवाद सूत्र के अनुसार मंगलवार शाम एकाएक आसमान में काले बादल छा जाने के बाद बारिश होने से किसानों की फसलें खेतों में ही गिर गई। बारिश से खेतों में पानी भर जाने से तैयार खड़ी फसलों के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है।