ओलों की बारिश, फसल बर्बाद
कदौरा, संवाद सूत्र : रविवार को बारिश के बाद सोमवार को किसानों को दैवीय आपदा का सामना करना पड़ा। सोमवा
कदौरा, संवाद सूत्र : रविवार को बारिश के बाद सोमवार को किसानों को दैवीय आपदा का सामना करना पड़ा। सोमवार शाम चार बजे के आसपास भयंकर ओले गिरे। कई गांवों में सैकड़ों एकड़ फसल ओलों में दबने से तबाह हो गई। नुकसान का आंकलन करने के लिए तहसीलदार ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया।
रविवार को हुई बेमौसम बारिश ने पहले ही किसानों को रूला दिया था, सोमवार को आसपास से फिर आफत बरसी। शाम चार बजे के आसपास आसमान में घने बादल छा गए और फिर ओलों की बारिश होने लगी। करीब पंद्रह मिनट तक भयंकर ओले बरसे। लोग जान बचाते हुए अपने अपने घरों में घुस गए। ओलों की मार से गेहूं, चना, सरसों, मटर और मसूर की फसलें खेतों में ही बिछ गईं। बर्बाद होती फसल देख किसानों बेबसी के सामने आंसू बहाने के अलावा और कोई चारा नहीं दिख रहा था। कदौरा के अलावा मुमताजाबाद, ताहरपुर, सोंधी, मवई, मुहारी, बबीना, बगिया, पाली समेत कई गांवों में ओले गिरे हैं। पंद्रह मिनट तक ओलों की बारिश होने की वजह से छतों पर बर्फ की परत जमा हो गई थी। सड़क पर ओले बिछे दिख रहे थे। सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल ओलों की वजह से बर्बाद हो गई है। कालपी के तहसीलदार ने नुकसान का आकलन करने के लिए खुद ओला प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। सरसों और गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।