एक रात जेल में रहने के बाद रिहा हुए सीओ
उरई, जागरण संवाददाता : रेढ़र थाना क्षेत्र में दरोगा की हत्या के 22 साल पुराने मामले में आरोपित सीओ को जमानत की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण न्यायिक अभिरक्षा में एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा। शनिवार को जमानत प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहा हो गए।
सीओ राजेंद्र धर द्विवेदी वर्ष 1982 में रेढ़र में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे। इसी दौरान दरोगा हबीब खां की कथित मुठभेड़ में मौत हो गई थी। बाद में इस मामले में हबीब खां के परिवार वालों ने तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेंद्र धर द्विवेदी और थाना के स्टाफ समेत 13 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। बाद में इस मामले की तफ्तीश सीबीसीआईडी को सौंपी गई। कई साल तक विवेचना करने के बाद सीबीसीआईडी ने सभी आरोपियों के विरुद्ध हत्या की धारा 302 में ही चार्जशीट फाइल की। हालांकि साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय से आरोपी बरी हो गए। तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेंद्र धर द्विवेदी इस बीच प्रोन्नति पाकर सीओ बन चुके थे। वर्तमान में उनका स्थानांतरण झांसी से कानपुर नगर के लिए हुआ है। मामले में आरोपित होने की वजह से 27 अगस्त को उन्होंने सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण किया था। सीजेएम ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। उसी दिन उन्होंने जिला जज के यहां जमानत अर्जी डाल दी थी। जिस पर उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी। शुक्रवार को वे फिर तारीख पर पेश हुए, उनकी जमानत तो मंजूर तो गई लेकिन जमानतगीरों की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था। शनिवार को जमानत भरने के बाद परवाना जेल पहुंच गया, जिसके बाद वे रिहा हो गए।