पौधे सूखे तो उत्तरदायी होंगे अधिकारी
उरई, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर पौधरोपण अभियान की समीक्षा की। कहा कि जितने भी पौधे लगाये गये हैं, वह हर हाल में जीवित रहने चाहिए। बारिश न होने का बहाना नहीं चलेगा। लापरवाही के कारण ही लगाये गये पौधे सूख जाते हैं। हकीकत जानने के लिए वह निरीक्षण भी करेंगे।
डीएम रामगणेश ने विभागवार पौधरोपण के लक्ष्य की समीक्षा की। उनको बताया गया कि 15 अगस्त के पहले जब कुछ बारिश हुई थी। उस वक्त पौधे लगवाये गये थे, लेकिन बाद में बरसात न होने के कारण अभियान को रोक दिया गया। डर इस बात का था कि कहीं पौधे सूख न जायें। जिलाधिकारी ने कहा कि जितने पौधे लगाये गये हैं, उतने ही सही सलामत रहें यही काफी है। बिना किसी लापरवाही के पौधों का संरक्षण किया जाये। किसी भी तरह पानी का बंदोबस्त करके पौधों को सिंचित करने की व्यवस्था करायें। अब तो लगभग सभी स्थानों पर हैंडपंप आदि की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बहाने बाजी न करके उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। डीएम ने डीएफओ से जानकारी मांगी कि वन विभाग ने कितने पौधे लगवाये हैं। डीएफओ ने बताया कि 6 लाख 5400 पौधे लगवाये गये हैं। सड़कों के किनारे नीम, शीशम, महुआ आदि के पौधे रोपे गये हैं। इस मौके पर सीडीओ शंभूु कुमार, डीएफओ भीमसेन, अधिशाषी अभियंता विद्युत पीएम प्रभाकर, भूमि संरक्षण अधिकारी एलएमपी सिंह प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।
टैंकरों की संख्या बढ़ाए वन विभाग
जिलाधिकारी उप वन संरक्षक से जानकारी मांगी कि विभाग के पास पौधों की सिंचाई के लिए कितने टैंकर हैं। डीएफओ ने बताया कि दो टैंकरों से काम चलाया जा रहा है। डीएम ने कहा कि किराये पर टैंकर लगाकर पौधों की सिंचाई करवायें।
नलकूप का प्रस्ताव करें तैयार
जिलाधिकारी ने डीएफओ से पूछा कि विभाग के कितने नलकूप जिले में हैं। उनको बताया गया कि एक भी विभाग का नलकूप नहीं है। डीएम ने कहा कि प्रस्ताव तैयार करवाकर भेजें।