मिड-डे मील बनाने में कोताही कर रहे स्कूल
उरई, जागरण संवाददाता : जिले के कई स्कूलों में नियमित रूप से मिड डे मील नहीं बन रहा है। जिससे बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भूख से व्याकुल होकर बच्चे घर चले जाते हैं। इसी वजह से तमाम बच्चे स्कूल ही नहीं आते हैं। इसके बावजूद प्रधानाध्यापकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग कार्रवाई से कतराता है।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा करने के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था सरकार ने की है। इसके पीछे मकसद यह भी था कि इन स्कूलों में गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं जो अपने साथ दोपहर का लंच लेकर नहीं आते हैं। इन बच्चों को मिड डे मील दिया जाये जिससे वह स्कूल में रुककर पढ़ाई कर सकें लेकिन खामियों के चलते जिले में मध्यांह्न भोजन योजना का बुरा हाल है। प्रधानाध्यापक इसमें रुचि नहीं लेते हैं जिससे बच्चों को नियमित भोजन नहीं मिल पाता है। विभाग के सूत्रों के मुताबिक प्रति दिन 30 से 35 स्कूलों की सूचना आती है जिनमें मिड डे मील नहीं बनता है। यह तो विभाग की बात है। इसके अलावा बी तमाम स्कूल ऐसे होंगे जहां कि दोपहर का भोजन बनवाने में कोताही की जाती है। प्राथमिक विद्यालय सेही में तो काफी दिनों से बच्चों को भोजन नसीब नही हुआ। विभाग को इसकी जानकारी भी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है नतीजतन प्रधानाध्यापकों के हौसले बुलंद हैं। कहीं कहीं पर प्रधान भी मिड डे मील में गड़बड़ी करते हैं। यह हालत तब है जबकि मिड डे मील प्राधिकरण ने प्रतिदिन मोबाइल पर भोजन बनने की सूचना देने की व्यवस्था कर रखी है फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ है।