अब मतदाता भी हुए माननीय
राजीव अवस्थी
उरई : लोकतंत्र में लोगों की ही मुख्य भूमिका है परंतु मतदान में पहली बार उनका अहम रोल अब तय किया गया है। बीएलओ अब घर पर मतदाता पर्ची पहुंचाने के प्रति जवाबदेह बनाए गए हैं। उनको घर के मुखिया से मतदाता पर्ची प्राप्ति की रिसीविंग भी अवश्य लेनी पड़ेगी। ऐसा न होने पर उन पर कार्रवाई हो सकती है।
मतदान में बड़ी संख्या में लोग मतदाता पर्ची न मिलने की वजह से परेशान होते थे। जिन मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज होते थे और पहचानपत्र भी होता था परंतु मतदाता पर्ची न दिखाने की सूरत में मतदान केंद्र से उनको लौटा दिया जाता था। इसमें बीएलओ की सुस्ती भी रहती थी क्योंकि कई बीएलओ अपने कार्य को सही ढंग से अंजाम नहीं देते थे। वह मतदाता पर्चियां या तो बांटते ही नहीं थे या फिर घर के दरवाजे यूं ही सरका कर वापस लौट आते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। अब बीएलओ जब मतदाता पर्ची लेकर पहुंचेंगे तो उनको घर के मुखिया के हाथ में यह पर्ची देनी पड़ेगी। साथ ही उनसे इसकी रिसीविंग भी लेनी पड़ेगी। तभी यह माना जाएगा कि उसने मतदाता पर्ची का वितरण कर दिया है। वैसे आयोग की संतुष्टि केवल इससे ही नहीं है। मतदाता पर्ची की रिसीविंग प्राप्त होने के बाद भी इसकी क्रास चेकिंग कराई जाएगी, जिससे यह पता चल सके कि वास्तव में घर के मुखिया से ही यह रिसीविंग कराई गई है। इसके लिए बीएलओ से ऊपर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह वितरण की जांच कुछ मतदाताओं से मिलकर स्वयं करें।