पंचायतों को आनलाइन करने में रोड़ा
संवाद सहयोगी, हाथरस: भले ही केंद्र सरकार पंचायतों के आधुनिकीकरण के लिए कृत संकल्पित हो, लेकिन आज भी
संवाद सहयोगी, हाथरस: भले ही केंद्र सरकार पंचायतों के आधुनिकीकरण के लिए कृत संकल्पित हो, लेकिन आज भी जिले की ज्यादातर ग्राम पंचायत आनलाइन सिस्टम से बेहद दूर हैं। इस कारण विकास व निर्माण कार्यों में भारी अड़चन आ रही है।
केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों में ग्राम पंचायतों को 100 फीसद धनराशि आवंटित की हैं, जिससे जिले की सभी ग्राम पंचायत मालामाल हो गई हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने धनराशि के आवंटन के साथ ही सभी कार्यों की आनलाइन फी¨डग कराने के निर्देश दिए हैं। यानी ग्राम पंचायत के विकास की योजना भी आनलाइन करानी होगी। इसके लिए प्लान प्लस साफ्टवेयर के माध्यम से इनकी वर्क आइडी जेनरेट की जाएगी। इस कार्य से पूर्व के फोटो भी अपलोड कराने होंगे। लेकिन किसी भी ग्राम पंचायत में आनलाइन किए जाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी को प्राइवेट इंटरनेट प्रदाताओं के माध्यम से सभी कार्य आनलाइन कराने को विवश होना पड़ रहा है। इसका खर्च भी अलग से पंचायत को वहन करना पड़ रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर सिस्टम विकसित किए जाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन यह योजना अभी खटाई में पड़ी हुई है। किसी भी न्याय पंचायत स्तर पर अभी तक कोई सिस्टम विकसित नहीं हो पाया है। पंचायतों को आनलाइन किए जाने में अभी रोड़ा लगा हुआ है। इस ओर किसी भी सरकारी मशीनरी व शासन का कोई ध्यान नहीं है।