बिन बजट व स्टाफ कैसे बने फायर स्टेशन
हाथरस : जिले में फायर बिग्रेड के संसाधन अभी पूरे नहीं है। तहसील सिकन्दराराऊ और सादाबाद में फायर स्टेशन की मंजूरी तो मिल गई लेकिन भवन निर्माण के लिए बजट और स्टाफ की दरकार है। शासन को भेजने के लिए सासनी का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर अभी भी एक टैंकर और दो जीप की जरूरत है।
जिला मुख्यालय पर जलेसर रोड पर शहर से करीब चार किमी दूर फायर स्टेशन स्थापित है। जिला अग्निशमन अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त पड़ा है। यहां पर एक टैंकर, पांच पंप, बुलेरो जीप है। दरोगा और फायरमैन की भी कमी चल रही है।
ढाई दशक पहले तक शहर में करीब 62 हाइडेंड पाइंट थे। जहां से अग्निशमन की गाड़ी को तत्काल ही पानी मिलता था। अब यह कागजों में है। रामलीला मैदान, खाती खाना में यह नजर भी आते हैं तो साइकिल खड़ी करने का सहारा बने हुए हैं।
अग्निशमन की गाड़ी के लिए अब पोखर, तालाब, नाला, नहर या फिर नलकूप सहारा है। फैक्ट्री एरिया में भी इसका कोई सहारा नहीं है। दमकल की गाड़ी को पानी अग्निशमन केन्द्र, सीवेज फार्म, घास की मंडी, गौशाला रोड, ओढ़पुरा, काले खां, हाथुरसी देवी मंदिर, वाटरवर्क्स के नलकूप ही सहारा बने हुए है।
सादाबाद और सिकन्दराराऊ में अग्निशमन केन्द्र की मंजूरी तो मिल गई है लेकिन वहां पर स्टाफ और भवन निर्माण के लिए बजट की आवश्यकता है। फिलहाल इन दोनों ही स्थलों पर एक-एक टैंकर भिजवा दिया है। जिले में 14 अप्रैल से अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह शुरू हो गया है। इसके दौरान जनजागरण के नाम पर सिर्फ लकीरे पीटी जा रही है। जायंट्स ग्रुप द्वारा उपलब्ध कराए गए पंप प्लेट अवश्य ही वितरित किए जा रहा है। कोई गोष्ठी आदि नहीं हुई। मुख्यालय से भी तीन अग्नि सचेतक पुस्तकें, ग्रामीण अंचलों के लिए पचास पंपप्लेट, पंडाल में अग्निशमन सुरक्षा के पंपप्लेट 75, स्टीकर 245 ही मिले हैं।
इनका कहना है..
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मुख्यालय के लिए एक टैंकर, दो जीप के साथ सादाबाद, सिकन्दराराऊ में भवन निर्माण हेतु धन व स्टाफ की डिमांड की है। अग्निशमन सप्ताह के तहत लोगों को जागृत किया जा रहा है।
करन पाल सिंह, प्रभारी, अग्निशमन अधिकारी
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