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तेल के खेल का स्टेडियम है हाथरस

जागरण संवाददाता, हाथरस : यहां तेल के खेल ही जड़ें बहुत गहरी हैं। मिट्टी के तेल के डिपो और पेट्रोल पंप

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:01 AM (IST)
तेल के खेल का स्टेडियम है हाथरस

जागरण संवाददाता, हाथरस : यहां तेल के खेल ही जड़ें बहुत गहरी हैं। मिट्टी के तेल के डिपो और पेट्रोल पंप संचालकों के साथ पेटी डीलर भी इसके बड़े खिलाड़ी हैं। माफिया के तार मथुरा रिफाइनरी से सीधे जुड़े हैं। स्थानीय प्रशासन व आपूर्ति विभाग से लेकर राशन डीलरों तक इनका नेटवर्क फैला है। स्थानीय नेताओं का भी पूरे धंधे में बड़ा दखल है और हिस्सा भी। सुप्रीम कोर्ट तक ये मामला पहुंचा है तो सिर्फ बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय और सादाबाद के सपा विधायक देवेंद्र अग्रवाल के बीच सियासी वर्चस्व के कारण। वर्ना, ऐसे खुलासे कभी नहीं हो पाते।

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हाथरस में तेल के खेल से जुड़े दर्जनभर से ज्यादा माफिया हैं। इनकी पहुंच मथुरा रिफाइनरी तक है। वहीं से तेल यहां आता है। राशन कार्ड के जरिये बंटने वाले केरोसिन की उठान में भी गड़बड़ होती है। ये तेल को डिपो तक न लाकर सीधे पेट्रोल पंपों और पेटी डीलरों तक पहुंचाया जाता है। सौदे पहले से तय हो जाते हैं। पंप और डीलर इस केरोसिन को अपने निजी व गोपनीय गोदामों में ले जाते हैं। वहां बने टैंकों में इसे डाल दिया जाता है।

नीला रंग उड़ाकर करते हैं मिलावट

उपभोक्ताओं को बांटने के लिए मिलने वाला केरोसिन नीले रंग का होता है। इसे मिलाने से पहले कुछ रसायन मिलाकर तेल का रंग हटा देते हैं। एक विशेष प्रकार का पावडर भी रंगहीन बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। फिर इसे डीजल में मिलाकर पंपों व पेटी डीलरों के जरिये बेचा जाता है। पूरे खेल में प्रशासन, जिला पूर्ति विभाग से लेकर राशन डीलरों तक की भूमिका कठघरे में है। यहां के दिग्गज राजनेताओं के अपने पेट्रोल पंप हैं और पेटी डीलरों की दुकानें भी। जो पंप और पेटी डीलर संचालक राजनीति में नहीं हैं, वे किसी न किसी राजनेता से गहरे से जुड़े हुए हैं। इसके चलते कहीं कोई विरोध भी नहीं होता।

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इनका कहना है

पेट्रोल-डीजल में मिलावट को लेकर आपूर्ति विभाग समय-समय पर अभियान चलाता ही रहता है। जानकारी मिलने पर मैं भी मौके पर जाता हूं, कार्रवाई कराता हूं। कोशिश रहेगी कि इस पर और शिकंजा कसा जाए।

- अविनाश कृष्ण ¨सह, डीएम हाथरस।

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तेल में मिलावट रोकने के लिए पेट्रोलियम कंपनियों के रीजनल मैनेजर, एआरओ और बाट-मांप निरीक्षक के साथ मिलकर पेट्रोल पंपों की चेकिंग की जा रही है। पेटी डीलरों की भी जांच करूंगा।

- सुरेंद्र यादव, डीएसओ।

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