भाषाई लेखन में पुरस्कृत होंगे कर्मचारी
संवाद सहयोगी, हाथरस : राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा प्रदेश के राज्यकर्मियों में प्रदेश की दे
संवाद सहयोगी, हाथरस : राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा प्रदेश के राज्यकर्मियों में प्रदेश की देवनागरी लिपि, फारसी लिपि में साहित्य की समृद्धि, प्रचार एवं राज्य कर्मियों में साहित्यिक अभिरुचि उत्पन्न करने व दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा के लिए ¨हदी के चार, प्रदेश की भाषाओं/बोलियों में गद्य की तीन एवं पद्य की पांच कृतियों हेतु आठ पुरस्कार दिये जाने हैं। सेवानिवृत्त राज्यकर्मियों को गद्य/पद्य में एक-एक पुरस्कार एवं गद्य/पद्य की पुस्तकों पर एक-एक पुरस्कार और हिन्दीतर भाषा-भाषी प्रदेशों के राज्यकर्मियों को गद्य या पद्य में दीर्घकालीन सेवा हेतु एक पुरस्कार एवं पद्य की मौलिक कृति पर एक पुरस्कार प्रदान किया जाना है।
संस्थान के महामंत्री डॉ. दिनेश चन्द्र अवस्थी ने कहा है कि प्रदेश के राज्यकर्मियों हेतु उर्दू भाषा (फारसी लिपि में) दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु दो पुरस्कार (गद्य या पद्य), उर्दू भाषा (फारसी लिपि) में रचित या अन्य भाषा में लिखित मौलिक पुस्तक की फारसी लिपि में अनुवादित/लिप्यंतरित गद्य या पद्य की कृति के लिए एक पुरस्कार एवं पद्य में लिखी गई पुस्तक के लिये एक पुरस्कार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त कर्मियों को फारसी लिपि में लिखित उर्दू भाषा में एक पुरस्कार दीर्घकालीन सेवा में गद्य या पद्य हेतु तथा पद्य की श्रेष्ठ पुस्तक हेतु एक पुरस्कार प्रदान किया जाना है। इन सभी पुरस्कारों की धनराशि 51-51 हजार रूपये होगी। इसके अतिरिक्त यात्रा वृत्तांत, आत्मकथा, जीवनी, संस्कृति, संस्मरण, विज्ञान, पर्यावरण, अद्यावधिक विषय, आलोचनात्मक साहित्य, भूगोल, इतिहास, दर्शन, पौराणिक, शिक्षा एवं वित्त से जुड़ी पुस्तकें या अन्य भाषा में लिखी गयी उपयोगी पुस्तकों का हिन्दी/उर्दू में किये गये अनुवाद की पुस्तकें भी पुरस्कार हेतु विचारणीय होंगी। इसके लिए प्रदेश के राज्यकर्मी साहित्यकार अपनी प्रविष्टि सचिव पुरस्कार समिति राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, कक्ष सं. 119 ब, भूतल, निकट गेट-9, उत्तर प्रदेश सचिवालय, हजरतगंज लखनऊ को 30 सितंबर तक भेज सकते हैं।