गुरुपूर्णिमा महोत्सव में बताए गुरु का महत्व
हाथरस : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने गुरुवार को पुराना बर्फखाना के निकट ¨सघल गेस्ट हाउस में गुरुप
हाथरस : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने गुरुवार को पुराना बर्फखाना के निकट ¨सघल गेस्ट हाउस में गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया।
गुरु पूर्णिमा जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वेदव्यास के शिष्यों ने इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया था, तभी से हर शिष्य इस पर्व को हर वर्ष मनाता है और इस दिन अपने गुरुओं के चरणों में समर्पण भाव को अर्पित करता है। ग्रंथों में लिखा है कि ऐसा गुरु ब्रह्मा, विष्णु व महेश हैं और साक्षात पारब्रह्मा परमेश्वर है, जिसने घट भीतर परमात्मा का दर्शन करा दिया। सदगुरु वही है, जिसने जीते जी अपने शिष्य के जीवन को परमात्मा से मिला दिया। गुरु आशुतोष ने कहा कि एक अकेली बूंद से बादल नहीं बनता। एक अकेले धागे से कपड़ा नहीं बनता ठीक इसी प्रकार एक गुण से शिष्य का निर्माण नहीं होता सतगुरु जीवन में आकर शिष्य को अनेक गुणों से भर देता है। फिर शिष्य का जीवन गुरुमय हो जाता है।