डीएसओ अंकल.. गोद लिए गांव में घूम जाइये
हाथरस : डीएसओ अंकल, मेरे गांव में वैसे बहुत-सी दिक्कते हैं। मगर, जब आपने मेरे गांव को गोद लिया तो लग
हाथरस : डीएसओ अंकल, मेरे गांव में वैसे बहुत-सी दिक्कते हैं। मगर, जब आपने मेरे गांव को गोद लिया तो लगा मुझ जैसे कई बच्चों को गोद लिया है। मेरे सपनों को पंख लग गए। अच्छा भोजन मिलेगा। पर, ऐसा नहीं हो सका। आप एक बार ही गांव आए हैं। इसलिए यहां के हालात से वाकिफ नहीं हो सके। मेरे घर में गरीबी है। मुझे पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता। मेरे जैसे गांव के कई बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, लेकिन मेरी हालत तो उनसे भी ज्यादा खराब है। अंकल, मेरे गांव रोज-रोज न सही, लेकिन कभी-कभी तो आ जाया करिये। क्या मेरी हालत आपसे देखी जा रही है। अगर नहीं तो मुझे उम्मीद है कि आप एक-दो दिन में गांव जरूर आएंगे। मेरे भ्रम को टूटने न दीजिएगा अंकल।
हसायन ब्लॉक का गांव बाड़ी जिला पूर्ति अधिकारी ने गोद ले रखा है। अब तक वह केवल एक बार ही गांव में पहुंचे हैं। गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जो प्राथमिक विद्यालय में चलते हैं। शौचालय की स्थिति बदतर है। केंद्रों को आंगनबाड़ी कार्यकत्री संतोष कुमारी व मीरा कुमारी चला रही हैं। सात माह से तीन वर्ष तक के 124 और तीन से छह वर्ष तक की आयु के 108 बच्चे पंजीकृत हैं। वर्तमान में 12 बच्चे अति कुपोषित व सात बच्चे कुपोषित रह गए हैं। विनय, अमन, ¨रकी और आशिया अति कुपोषित हैं। इनका उपचार भी गरीबी के चलते नहीं हो पा रहा है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर व बाल विकास परियोजना अधिकारी भी नहीं आते। स्वास्थ्य विभाग अति कुपोषित बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहा है।
ग्रामीणों की पीड़ा
गांव में रास्ते बदहाल हैं। इससे ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होती है। शासन-प्रशासन का समाधान करना चाहिए।
-गंगा देवी।
बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकारी मिशन को अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं। यदि अधिकारी गंभीरता से काम करें तो सुधार हो सकता है।
-जयवीर।
गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कई जगह पर जलभराव की समस्या है। लोगों ने रास्ते में घूरे डाल रखे हैं। गंदा पानी रास्ते को खराब कर रहा है।
-अनीता देवी।
गांव में कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं है। नालियां गंदगी से भरी हुई हैं। गंदा पानी रास्ते में बहता रहता है। सफाई कर्मचारी की नियुक्ति हो।
-उदयवीर।
जिलापूर्ति अधिकारी एक बार आए जरूर थे, लेकिन कुपोषित बच्चों के लिए कोई दवा व पुष्टाहार की व्यवस्था नहीं की गई। केवल पंजीरी से कुपोषण की समस्या दूर नहीं हो सकती। इनके स्वास्थ्य की देखभाल भी जरूरी है।
-संतोष कुमारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रथम।
केवल पंजीरी के सहारे बच्चों का स्वास्थ्य नहीं संवारा जा सकता। इसके लिए बच्चों के उपचार व उचित देखभाल के साथ पौष्टिक आहार के भी प्रबंध करने चाहिए। वह इन बच्चों को दोगुनी पंजीरी दे रहीं हैं, लेकिन फिर भी बच्चे ठीक नहीं हो रहे हैं।
-मीरा कुमारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वितीय।
गांव में कुछ गली के रास्ते कच्चे होने के कारण समस्या है, लेकिन गांव के ही कुछ लोगों ने रास्ते में चबूतरे बनाकर अतिक्रमण कर रखा है। विधायक निधि से होने वाला सड़क व नाली निर्माण का काम रुका हुआ है। खराब हैंडपंप की सूची भेज दी गई है। अतिशीघ्र पूरी ग्राम पंचायत में तेजी के साथ विकास कार्य शुरु होंगे।
-डॉ.राम कुमार शर्मा, प्रधान।