बैंक से साठगांठ कर हड़पी शुल्क प्रतिपूर्ति
फ्लेग: समाज कल्याण विभाग के ऑनलाइन सिस्टम पर भी हावी हुए शिक्षा माफिया -आइटीआइ छात्र से फीस वसूलन
फ्लेग: समाज कल्याण विभाग के ऑनलाइन सिस्टम पर भी हावी हुए शिक्षा माफिया
-आइटीआइ छात्र से फीस वसूलने के बाद भी खाते से उडाए 17,700 रुपये
-डीएम के संज्ञान में मामला आने पर समाज कल्याण अधिकारी को जांच के आदेश
संवाद सहयोगी, हाथरस: निजी स्कूल संचालक छात्रों पर कितने भारी पड़ रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आइटीआइ छात्र से फीस वसूलने के बाद उसके खाते पर रोक लगा दी गई और फिर बैंक प्रबंधक से सांठगांठ कर उसके खाते में शासन से आई शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को किसी अन्य संस्था के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। अब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हाथरस जंक्शन के रामपुर निवासी सतीश कुमार का पुत्र करनपाल ¨सह श्री गंगा प्रसाद मेमोरियल आइटीआइ मानिकपुर में फिटर का संस्थागत छात्र है। सतीश ने विद्यालय की फीस की एवज में 15 हजार रुपये दिए थे, जिसकी रसीद भी दी गई। इसके बाद तृतीय सेमेस्टर के दौरान प्रधानाचार्य ने पांच हजार रुपये और ले लिए, लेकिन इसकी रसीद बाद में देने को कहा। उसका इलाहाबाद बैंक देवीनगर शाखा में बचत खाता है। शासन से उसे शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति की धनराशि के रूप में 17,700 रुपये आए। इस धनराशि को हड़पने के लिए उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया गया। उसे प्रयोगात्मक परीक्षा में फेल कराने व धनराशि वापस कराने की धमकी दी जाने लगी। जिसकी शिकायत उसने उच्चाधिकारियों से की। इससे पूर्व ही 28 मार्च को विद्यालय प्रबंधक ने बैंक के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर छात्र के ऊपर संस्था का धन बताते हुए खाता होल्ड कराने की मांग की। इसके चलते खाता होल्ड कर दिया गया, लेकिन विद्यालय प्रबंध तंत्र ने बैंक अधिकारियों से सांठगांठ कर 22 अप्रैल को छात्र के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जय सांई एजूकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के नाम ट्रांसफर करा लिया। अब छात्र ने पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में जिलाधिकारी का कड़ा रुख अपनाते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
इनका कहना है
दो वर्ष की फीस 30 हजार रुपये निर्धारित है। फीस जमा न करने पर उसके खाते में होल्ड कराया गया था। शुल्क प्रतिपूर्ति विद्यालय को जाती है। इसके लिए छात्र ने पहले ही अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर करके दिए थे। इसके बाद ट्रस्ट के खाते में 15 हजार रुपया ट्रांसफर हुआ है। छात्र विद्यालय में उपस्थित न होकर स्कूल विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। जिसके चलते उसे निष्कासित कर दिया गया। इसके अलावा वह हसायन के एक कॉलेज से बीएससी भी कर रहा था। एक साथ दो नियमित कक्षाएं नहीं हो सकती।
-दिनेश कुमार शर्मा, चेयरमैन, जय साई एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट।