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शहर में बंद पड़े हैं एटीएम

हाथरस : सिकंदराराऊ एटीएम से रुपये न निकलने से लोगों को एटीएम सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एटीएम

By Edited By: Published: Tue, 24 May 2016 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 11:41 PM (IST)
शहर में बंद पड़े हैं एटीएम

हाथरस : सिकंदराराऊ एटीएम से रुपये न निकलने से लोगों को एटीएम सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एटीएम तक जाने के बाद लोगों को निराश लौटना पड़ता है। कैनरा बैंक का एटीएम एक वर्ष से बदं है। बावजूद इसके बैंक द्वारा एटीएम कार्ड जारी किए जा रहे हैं।

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बता दें कि सरकार द्वारा जनता की सुविधा के लिए एटीएम सुविधा प्रदान की गई, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई भी बैंक लोगों को एटीएम सुविधा का लाभ देने में खरी नहीं उतर रही है। एटीएम बंद होने के कारण लोगों को घंटों लाइन में लग कर कैश काउंटर से कैश निकालने के लिए मजबूर होना पड़ता है। एटीएम सुविधा की बदहाली का आलम यह है कि कैनरा बैंक का एटीएम हमेशा बंद रहता है और पिछले एक वर्ष से पूरी तरह से ठप है। बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम पर मशीन खराब होने का नोटिस चस्पा है जब कि पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से भी कैश नहीं मिल रहा है। आफिस टाइम में ही एटीएम खुलता है। नगर पालिका में लगी भारतीय स्टेट बैंक की एटीएम मशीन भी रुपये नहीं उगल रही । बैंक ऑफ बडौदा का एटीएम बैंक के गेट के अंदर बंद है, जिससे केवल आफिस टाइम में ही संभव हैं। वर्किंग डे के अलावा या आफिस टाइम के बाद एटीएम का यूज नहीं किया जा सकता। इससे बैंक उपभोक्ता खासे परेशान हैं और उनमें रोष व्याप्त है। मजबूर हो कर लोगों को प्राइवेट कंपनी के एटीएम की शरण लेनी पड़ती है।

युवा व्यवसाई पुरषोत्तम कौशिक ने बताया कि वह मंगलवार को कैश निकालने के लिए कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक एवं भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम पर गए लेकिन किसी भी एटीएम से पैसे नहीं निकल सके। जिससे उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ी।

मतीन अहमद ने कहा कि बैंके 24घंटे एटीएम सुविधा देने का वायदा करती हैं और एटीएम कार्ड भी बनाए जा रहे हैं लेकिन जरूरत के समय एटीएम मशीन काम नहीं आती।

व्यापारी अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि बैंकिंग समय के दौरान एटीएम सुविधा मिलने से उपभोक्ताओं को क्या लाभ है। वास्तविक आवश्यकता तो बैंक बंद होने पर होती है।

कैनरा बैंक के मैनेजर प्रवीण तौमर ने बताया कि एक वर्ष पूर्व एटीएम मशीन में कि सी व्यक्ति ने फैवीक्विक डाल दिया था। इस कारण मशीन खराब हो गई और उसे 85 हजार रुपये खर्च करके ठीक कराया गया। उसके बाद पुन: फैवीक्विक डाल कर मशीन को खराब कर दिया गया। इसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराने के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजी गयी है। जल्द ही नई मशीन लगवाई जाएगी।


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