Move to Jagran APP

बंद आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्ट हो रहे बच्चे

संवाद सूत्र, हाथरस : प्रदेश शासन ने गांव से कुपोषण भगाने तथा गांव का अच्छी तरह से विकास कराने को ले

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)
बंद आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्ट हो रहे बच्चे

संवाद सूत्र, हाथरस : प्रदेश शासन ने गांव से कुपोषण भगाने तथा गांव का अच्छी तरह से विकास कराने को लेकर प्रत्येक अधिकारी को गांव गोद लेने को कहा था जिसके तहत गांव गढ़उमराव को जिले के एआर कोआपरेटिव को गोद दिया गया था, लेकिन आज तक वह इस गांव में पहुंचे ही नहीं। इस गांव की स्थिति बेहद दयनीय है। लोग चाहते हैं कि बाकी विकास बाद में हो पहले उन्हें गंदगी से निजात मिल जाए ताकि उनके बच्चे और वे स्वस्थ रह सकें।

loksabha election banner

तहसील मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर गांव गढ़उमराव है। इस गांव का आंगनबाड़ी केन्द्र सिर्फ दिखाने के लिए है। यहां तैनात 5 आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों व 5 सहायिकाओं को बच्चों का कुपोषण मिटाने को रखा गया है, लेकिन वह बच्चों की बजाय सिर्फ अपना ही कुपोषण मिटा रही हैं। नियमानुसार आंगनबाड़ी केन्द्र प्रत्येक दिवस खुलना चाहिए, लेकिन हालत यह है कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर 10 की तैनाती होने के बावजूद 30 दिन में मात्र एक घण्टे के लिये ही खोला जाता है और उसी एक घण्टे में जो बच्चा पहुंच जाता है, उसे पोषाहार दे दिया जाता है। शेष बचे पोषाहार को हजम किया जा रहा है। आश्चर्य यह कि आज तक बाल विकास परियोजना के किसी भी अधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं गया। आखिर इतनी बड़ी लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है?

गांव में लगा सरकारी हैंडपम्प जल निगम ने लगाया था। ग्राम प्रधान ने जल निगम के माध्यम से गांव के दो दर्जन से अधिक खराब पड़े हैण्डपम्पों का 25 दिन पूर्व सर्वे कराया था, जिसमें से कुछ हैण्डपम्प रीबोर के लिये थे तथा कुछ वैसे ही सही होने थे, लेकिन 25 दिन बाद भी जल निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने गांव के नलों को सही कराने के लिये कोई सार्थक प्रयास नहीं किया, जबकि गर्मी के मौसम में इन नलों का सही होना अति आवश्यक है।

गांव के आम रास्ते, जिन्हें साफ सुथरा होना चाहिए था, ग्रामीणों ने ही इन रास्तों को पूरी तरह से खराब कर रखा है। रास्तों के किनारे गन्दगी व घूरों के ढेर लगे होने के कारण इनमें से उठने वाली दुर्गन्ध के कारण ग्रामीणों को ही परेशानी उठानी पड़ती है। यदि इसी तरह से गंदगी व्याप्त रही तो निश्चित रूप से यहां कुपोषण का प्रकोप बढ़ता ही जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने यहां के बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र की इमारत बनवाई थी, लेकिन वर्षों से इस इमारत में ताला पड़ा हुआ है। किसी भी स्वास्थ्य कार्यकत्री की यहां तैनाती न होने से यहां की गर्भवती महिलाओं व नौनिहाल बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक केन्द्र पर एएनएम बैठनी चाहिए। जिससे कि बच्चों व गर्भवती को समय-समय पर टीका अथवा अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी मिल सके।

इनका कहना है

मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र बंद रहने की वजह से बच्चों व गर्भवती महिलाओं शहर ले जाने के लिये मजबूर होना पड़ता है। यदि यहां प्रतिदिन एक एएनएम बैठे तो निश्चित रूप से ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा।

विजयपाल उर्फ पप्पू।

हालांकि सादाबाद ब्लॉक डार्क जोन में है, लेकिन फिर भी कहीं कहीं पानी ठीक है। गांव का पानी हल्का खारा हो चुका है, जो हैण्डपम्प लगे हैं उनका पानी अच्छा होने के कारण उन हैण्डपम्पों को सही कराकर इसका लाभ ग्रामीणों को दिलवाया जाये।

-बासुदेव, पूर्व हवलदार।

सरकार द्वारा बच्चों को कुपोषण से दूर रखने तथा कुपोषित बच्चों का कुपोषण मिटाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उन प्रयासों पर आंगनबाड़ी केन्द्र के न खुलने के कारण कुठाराघात किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्र प्रत्येक दिवस में खुले, जिससे बच्चों को पोषाहार व अन्य सामिग्री उपलब्ध हो सके।

-प्रमोद कुमार।

पेयजल, बच्चों को मिलने वाले पोषाहार तथा सफाई के सम्बन्ध में अधिकारियों से मिलकर प्रयास करना प्रारम्भ कर दिया है, लेकिन किसी भी अधिकारी के समय से कार्य न करने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मेरे प्रयास से कुछ नलों को सही कराया गया है, जिसका लाभ ग्रामीण ले रहे हैं।

-संगीता देवी, ग्राम प्रधान।

सिस्टम की सुनो

गढ़उमराव को मैंने गोद नहीं लिया है। अगर किसी स्तर से यह गांव मुझे गोद दिया गया है तो इसकी मुझे जानकारी नहीं है। जब गांव गोद ही नहीं लिया है तो गांव का भ्रमण व वहां की योजनाओं को संचालित कराने के लिए गांव में कभी नहीं गया।

-राजेंद्र कुमार, सहायक निबंधक सहकारिता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.