चार बार टेंडर, नहीं बनी सड़क
जागरण संवाददाता, हाथरस : डेढ़ साल का समय। चार बार टेंडर। हर बार पन्द्रह प्रतिशत से ब्लो। उस पर निरस्
जागरण संवाददाता, हाथरस : डेढ़ साल का समय। चार बार टेंडर। हर बार पन्द्रह प्रतिशत से ब्लो। उस पर निरस्तीकरण की कार्रवाई। इसे लेकर जहां क्षेत्रीय लोग परेशान हैं, वहीं प्रशासन इस समस्या का निदान नहीं करा पा रहा है। हर बार आश्वासन की घुट्टी पिलाई जा रही है। लाटरी सिस्टम की बात आते ही शासनादेश की डिमांड होती है। ऐसे में लाटरी को लेकर शासनादेश कहां से लाया जाए? इस सवाल का मातहत जवाब तलाश रहे हैं।
डेढ़ साल पहले मोहल्ला मधुगढ़ी से मुरसान गेट गंदा कुआं तक सीवर लाइन डलवाई गई, ताकि मोहल्ला नई दिल्ली से जलभराव की समस्या का निदान हो सके। ऐसे में मधुगढ़ी का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसे लेकर पालिका को 72 लाख रुपये की लागत से सीमेंटेड सड़क का निर्माण कराना है। ऐसे में शर्त पन्द्रह प्रतिशत से टेंडर ब्लो न हो। टेंडर की प्रक्रिया चार बार कलक्ट्रेट में हो चुकी है लेकिन हर बार यह निरस्त हो गया। दो बार तो जुलूस ए मोहम्मदी को लेकर भी मुस्लिम समाज के लोगों ने आक्रोश जताया। ऐसे में अस्थाई व्यवस्था कराते हुए जुलूस को निकलवा दिया गया। इस बार तो क्षेत्रीय लोगों ने जमकर हंगामा करते हुए पालिका की टीम को घेर लिया और मरम्मत का कार्य रुकवा दिया था, लेकिन जल्द ही निर्माण का आश्वासन दिया गया। जुलूस निकल जाने पर फिर से इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस समस्या का निदान लाटरी सिस्टम से टेंडर कराके कराया जा सकता है लेकिन लाटरी की बात आते ही शासनादेश मांगा जाता है। लाटरी को लेकर शासनादेश कहां से लाएं यह सवाल बना हुआ है।
इस रोड को लेकर क्षेत्रीय लोगों में फिर से आक्रोश भड़क रहा है। इन लोगों का कहना है कि समस्या को झेलते हुए डेढ़ साल हो गए हैं, लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। जल्द ही इसका निदान न कराया गया तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा। इसके लिए पालिका के अधिकारी जिम्मेदारी होंगे, क्योंकि जर्जर रास्ते के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। पालिका के पास जब धन है तो इस कार्य में देरी क्यों बरती जा रही है। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष का कहना है कि जल्द ही इस समस्या के निदान के निर्देश दे दिए गए हैं।