भाई की कलाई पर बहनों का प्यार
संवाद सहयोगी, हाथरस : भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन पर्व शनिवार को धूमधाम से मनाया
संवाद सहयोगी, हाथरस : भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन पर्व शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। भद्रा का साया दोपहर तक होने के कारण पिछले साल की तरह इस बार भी बहनों को भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने के लिए इंतजार करना पड़ा। भद्रा हटते ही बहनों ने भाई की कलाई पर प्यार का धागा बांधकर अपनी रक्षा का संकल्प दिलाया। घर-घर में इस पर्व को लेकर सुबह से ही उल्लास का माहौल रहा। भाई भी अपनी बहनों के लिए तरह-तरह के उपहार लेकर आए। तीन वर्ष से लगातार रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया रहा है।
रक्षाबंधन ¨हदुओं का प्रमुख त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण में मनाये जाने के कारण इसे सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन पर्व पर राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं। राखी या रक्षासूत्र की थाली में रोली या हल्दी, चावल, दीपक और मिठाई के रूप में घेवर होता है। बहनें रोली या हल्दी से भाई का टीका लगाकर चावल को टीके पर लगाती हैं और सिर पर छिड़का जाता है, उनकी आरती उतारी जाती है और तब दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। भाई उनकी जीवन भर रक्षा करने का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन का अनुष्ठान पूरा होने के बाद ही भोजन किया जाता है। इस बार रक्षाबंधन पर्व पूरे जिले में शनिवार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। ज्योतिष विद्वानों के मतानुसार इस दिन सुबह से ही पर्व पर भद्रा का साया होने के कारण इसका शुभ मुहूर्त दोपहर 1.40 बजे के बाद तय किया था, जिससे बहनें सुबह से ही तैयार होकर शुभ मुहूर्त का इंतजार करती रहीं। जैसे ही शुभ मुहूर्त आया तो बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर रक्षा का संकल्प लिया। दूसरी तमाम बहनें अपने दूर रह रहे भाइयों से मिलने के लिए घर से निकल पड़ीं। घर-घर इस पर्व का उल्लास देखने को मिला। इस पर्व पर 2013, 2014 के बाद तीसरी बार भद्रा का साया रहा है।
सिकंदराराऊ नगर एवं तहसील क्षेत्र में रक्षाबंधन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शनिवार को रक्षाबंधन पर्व के तहत आने जाने वालों की भारी भीड़ रही। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एवं टेम्पो में खासी भीड़ नजर आयी। मिठाई की दुकानों पर दोपहर तक भीड़ लगी रही। सुरक्षा की दृष्टि से जगह जगह पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।