दाऊजी मंदिर के सेवादारों में घमासान
संवाद सहयोगी, हाथरस : ऐतिहासिक श्री दाऊजी महाराज मंदिर पर सेवा-पूजा को लेकर एक बार फिर सेवादारों
संवाद सहयोगी, हाथरस : ऐतिहासिक श्री दाऊजी महाराज मंदिर पर सेवा-पूजा को लेकर एक बार फिर सेवादारों में घमासान मच गया है। गुरुवार को मंदिर परिसर में सेवादारों के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। एक-दूसरे पर अनर्गल आरोप लगाए गए। झगड़े की सूचना पर एसडीएम सदर व कोतवाली सदर पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीएम ने दोनों पक्षों को सुना, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
ऐतिहासिक मंदिर श्री दाऊजी महाराज की सेवा-पूजा को लेकर सेवादारों के बीच हर वर्ष विवाद होता है। इसमें पुलिस व प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ता है। हर वर्ष गुरु पूर्णिमा वाले दिन मंदिर की सेवा बदली जाती है। विधि विधान के साथ एक परिवार से दूसरे को सेवा दी जाती है। सेवा को लेकर हर बार गोवर्धन नाथ चतुर्वेदी के कारण विवाद होता है। इस बार भी यही हुआ। नए सेवादार सतीशचंद्र चतुर्वेदी एडवोकेट पुत्र रंगनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि दाऊजी महाराज की सेवा-पूजा उनके बाबा श्यामलाल व बाबा के भाई शंभूनाथ व फलगू प्रसाद के समय से ही होती आ रही है। इन्हीं के समय से वर्ष 1912 में ऐतिहासिक मेले की शुरुआत हुई थी। सतीश के अनुसार तीनों बाबाओं की संतानें बारी-बारी से सेवा-पूजा करती आई हैं। श्यामलाल के तीन बेटे रमेशचंद, गोकुलचंद्र व गोपाल हुए। उन्होंने बताया कि गोकुलचंद्र के पांच बेटे हैं, जिनमें गोवर्धननदास सबसे छोटे हैं। उनके पिता रंगनाथ तीसरे नंबर के बेटे हैं। सतीश ने बताया कि पांचों में छोटा होने के नाते सभी भाई गोवर्धननदास को ही अब तक सेवा-पूजा देते रहे हैं, लेकिन अब वे लोग भी सेवा-पूजा करना चाहते हैं।
पिछले वर्ष की सेवा फलगू प्रसाद के बेटे मधुसूदनलाल के परिवार पर रही। बताते हैं कि शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा वाले दिन मधुसूदनलाल को इस बार की पूजा रंगनाथ को सौंपनी है, लेकिन गोवर्धनदास व उनके बेटे पवन चतुर्वेदी को इस पर एतराज है। गुरुवार को सतीश एडवोकेट अपने पिता व परिवार के लोगों के साथ मंदिर परिसर पर पहुंचे। सेवा स्थानांतरण को लेकर सतीश व पवन में काफी कहासुनी हुई। यहां तक कि एक-दूसरे पर अनर्गल आरोप भी लगाए गए। नौबत मारपीट तक पहुंच गई। सूचना मिलते ही एसडीएम सदर केहरी ¨सह व कोतवाली सदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। अधिकारियों ने दोनों पक्षों की बात सुनी। एसडीएम व कोतवाल के सामने भी दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। काफी देर चली जांच-पड़ताल के बाद अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। शुक्रवार को फिर झगड़े की संभावना है।
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एक ही परिवार विवाद की जड़
गोकुलचंद्र के बड़े भाई रमेशचंद्र के बेटे सतीशचंद्र ने बताया कि वर्ष 2009 में उनपर सेवा पूजा रही थी। उन्होंने बताया कि उनके तीनों बाबा के वंशज बारी-बारी से सेवा-पूजा करते हैं। कुनबा बड़ा होने के कारण एक परिवार का कई साल बाद नंबर आता है। विवाद उत्पन्न केवल चचेरे भाई गोवर्धनदास के परिवार के कारण होता है। इस बार गोवर्धनदास के सगे भाई रंगनाथ का नंबर है। वर्ष 14-15 की सूवापूजा उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने मधुसूदनलाल को दी थी, तब भी गोवर्धनदास व उनके बेटे ने विवाद उत्पन्न किया था। सतीशचंद्र के साथ आए अन्य सेवादारों के भी यही शब्द कथन थे।
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इनका कहना है
मामला पेचीदा है। कई वसीयत बनी हुई हैं। सेवादारों के पुराने कागजात खंगाले जा रहे हैं। अधिकारियों से विचार-विमर्श कर किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा। पारंपरिक तरीके से सेवा स्थानांतरित कराई जाएगी। दाउजी महाराज की सेवा में व्यवधान पैदा नहीं होने दिया जाएगा।
केहरी ¨सह, एसडीएम सदर।