दूध के चक्कर में गुरुजी चकरघिन्नी
संवाद सहयोगी, हाथरस : विद्यालयों में हर बुधवार दूध वितरण योजना तमाम हेड मास्टरों के लिए सिरदर्द ब
संवाद सहयोगी, हाथरस : विद्यालयों में हर बुधवार दूध वितरण योजना तमाम हेड मास्टरों के लिए सिरदर्द बन गई है। जहां कम छात्र संख्या है, वहां तो आसानी से दूध उपलब्ध हो जाता है, लेकिन जिन विद्यालयों में अधिक छात्र-छात्राएं हैं। उनमें दूध पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाता। ऐसे में हेड मास्टरों को अधिकारियों की कार्रवाई का डर सताता रहता है। बीएसए देवेन्द्र गुप्ता ने अब ऐसे विद्यालय, जहां छात्र संख्या सौ से अधिक है, वहां तैनात अन्य सहायक अध्यापकों से अपील की है कि वे दूध वितरण व्यवस्था में अपने हेड मास्टर का सहयोग करें, ताकि योजना का सही तरह से क्रियान्वयन हो सके।
दूध वितरण व्यवस्था को लेकर हेड मास्टर अधिक परेशान हैं। हफ्ते में एक दिन दूध देने के लिए कोई दूधिया तैयार नहीं है। जिन विद्यालयों में कम छात्र संख्या है, वहां तो आसानी से दूध बच्चों को मिल जाता है, लेकिन अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में मुश्किल आ रही है। जिले में करीब सौ से अधिक प्राथमिक और इतने ही उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां छात्र संख्या सौ से अधिक है। वहां हेड शिक्षक के अलावा तीन अन्य शिक्षकों का स्टाफ तैनात है। बीएसए ने अब ऐसे विद्यालयों में तैनात सहायक अध्यापकों को निर्देश दिए हैं कि वे बुधवार के दिन दूध वितरण व्यवस्था में अपने हेड मास्टर का सहयोग करें, ताकि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा सके और बच्चों को समय रहते दूध उपलब्ध हो जाए।
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कनवर्जन कास्ट के
नाम पर लॉलीपाप
क्रासर-
-प्राइमरी में 3.59 की जगह अब प्रति छात्र 3.76 रुपये
-उच्च प्राथमिक में 5.38 से बढ़ाकर कर दिए 5.64 रूपये
हाथरस : बुधवार को दूध वितरण योजना शुरू हो जाने के बाद विद्यालयों मे तैनात हेड मास्टर परेशान थे। आखिर इतनी कम कनवर्जन कास्ट में मिड डे मील और दूध कैसे दिया जाएगा। अब शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों ने हेड मास्टरों के संग भद्दा मजाक किया है। कनवर्जन कास्ट में जो बढ़ोत्तरी की गई है उसे सुनकर सब चौंक गए हैं। अभी तक प्राइमरी में 3.59 रुपये प्रति छात्र के लिए व्यवस्था थी, जो अब बढ़कर प्रति छात्र 3.76 रुपये हो गई है। वहीं उच्च प्राथमिक में 5.38 से बढ़ाकर कर दिए 5.64 रुपये प्रति छात्र कनवर्जन कास्ट कर दी गई है।
बच्चों को दूध व कोफ्ता चावल उपलब्ध कराने में हेड मास्टरों के पसीने छूट रहे हैं। शिक्षक संघ और तमाम हेड मास्टर तो मिड डे मील से तौबा कर लिखित में दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उनका पीछा इस व्यवस्था से नहीं छूट पा रहा। कम कनवर्जन कास्ट होने और दूध के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था न हो पाने के कारण हेड मास्टरों को अपनी जेब से पैसा लगाना पड़ रहा है। अब कनवर्जन कास्ट में मामूली इजाफा किया गया है, जिससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा।
प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ने वाले एक बच्चे की कनवर्जन कास्ट में 17 पैसे तो वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे की कनवर्जन कास्ट में 36 पैसे बढ़ाए गए हैं, जिसके बाबत अधिकारियों के पास भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पत्र आ चुका है। बढ़ी कनवर्जन कास्ट को देखकर तमाम हेड मास्टर परेशान हैं। आखिर इतनी कम बजट की व्यवस्था में बेहतर मिड डे मील और दूध कैसे उपलब्ध कराया जाए।
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बारह हेड मास्टरों को नोटिस
बुधवार के दिन दूध वितरण न कराने वाले हेड मास्टरों पर अब बीएसए देवेन्द्र गुप्ता ने शिकंजा कस दिया है। दूध वितरण और मिड डे मील का निरीक्षण बुधवार को जिला स्तरीय अधिकारियों ने किया था। जिनकी रिर्पोट अब बीएसए कार्यालय को प्राप्त हो चुकी है। प्राथमिक विद्यालय कुरावली, गौजिया, कछपुरा रोड, बसगोई, नगला जाटव, टौंड के अलावा उच्च प्राथमिक विद्यालय श्री नगर सहित एक दर्जन विद्यालयों में दूध वितरण नहीं कराया गया। बीएसए ने इन विद्यालयों के हेड मास्टरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इससे 45 हेड मास्टरों को नोटिस दिया जा चुका है।