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बिन डीडीटी कैसे मरेंगे मच्छर?

जागरण संवाददाता, हाथरस : बरसात का मौसम है और मच्छरों के प्रकोप की संभावना प्रबल हो रही है। जिले के स

By Edited By: Published: Sat, 25 Jul 2015 02:53 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2015 02:53 AM (IST)
बिन डीडीटी कैसे मरेंगे मच्छर?

जागरण संवाददाता, हाथरस : बरसात का मौसम है और मच्छरों के प्रकोप की संभावना प्रबल हो रही है। जिले के सिकन्दराराऊ, हसायन व सासनी ब्लाक हाइरिस्क जोन में आते हैं, क्योंकि धान की पैदावार होने के कारण यहां पर जलभराव होता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप रहता है। ऐसे में बीमारियां फैलने संभावना बढ़ गई है। अभी तक कीटनाशक डीडीटी जिले में नहीं है। इस कारण इसका छिड़काव भी नहीं हो पा रहा है? ऐसे में मच्छर कैसे मरेंगे। इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।

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जिले में धान वाले इलाके में सबसे ज्यादा मच्छर होते हैं। धान की बुआई पानी वाले इलाके में होती है। पानी भरे होने के कारण मच्छर ज्यादा बढ़ जाते हैं। इन क्षेत्रों में सफाई पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है, जो बीमारियों का कारण बनते है। सिकंदराराऊ, हसायन और सासनी तीनों ही ब्लाक हाइरिस्क जोन में आते हैं। जहां अभी तक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया है। हाइरिस्क जोन में कीटनाशक डीडीटी का छिड़काव मलेरिया विभाग कराता है, लेकिन इस बार वह खुद ही मुंह को ताक रहा है। कीटनाशक डीडीटी विभाग के पास नहीं है और न ही कीटनाशक कराई गई है।

इनसेट-

इनका कहना है..

जिले में डीडीटी नहीं आयी है। इसके लिए पूर्व में पत्राचार किया चुका है। फिर से शासन को रिमांडर भेजा गया है। अन्य कीटनाशक दवाएं व स्लाइड आदि मौजूद हैं।

मुकेश जौहरी, डीएमओ

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फांगिग या नहीं

हाथरस : इस बार फांगिग हो सकेगी या नहीं ये भी अहम सवाल बना हुआ है। इसकी जिम्मेदारी पालिका और नगर पंचायत की होती है। इस बार अभी तक इसे लेकर कोई भी प्लान नहीं बना है। इस बार भी कागजों पर फांगिग हो जाएगी यह बात भी चर्चा में है।


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