सड़कों की सेहत पर पैबंद की गांठ
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना सहित तमाम फंडों से बनने वाली सड़कों की सेहत
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना सहित तमाम फंडों से बनने वाली सड़कों की सेहत देखने वाला कोई नहीं है। इससे यह सड़कें बनने के बाद ही उखड़ने लगती हैं। निर्माण की गुणवत्ता की कमी को ठकने के लिए ठेकेदार इन सड़कों पर पैबंद लगाने से नहीं चूक रहे। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में घटिया सामिग्री के प्रयोग का आरोप लगाते हुए सड़क की गुणवत्ता की जांच कराये जाने की मांग की है।
जनपद में लोक निर्माण विभाग व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में तमाम सड़कों पर काम चल रहा है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता देखने वाला कोई नहीं है। सासनी में विजयगढ़ रोड़ का 13 किमी भाग पीएमजीएसवाई योजना के तहत बनाया गया है। कुछ दिन पूर्व बने मार्ग का उखड़ना शुरू हो गया है।
इंसेट:
ग्रामीणो के बोल..
जिस तरह सड़क पीएमजीएसवाई में बनी है। उससे लगा था कि सड़क लंबे समय तक चलेगी, लेकिन बनने के बाद ही उखड़ने लगी है। इस ओर अफसरों को ध्यान देना चाहिए।
-कृष्ण स्वरूप विधाता, कोतवाली चौराहा।
सड़क पर गिट्टी की दो लेयर लगा दी गई हैं। जीरो रोड़ी की लेयर न लगाने से सड़क उखड़ने लगी है। अफसरों को इसकी जांच करानी चाहिए।
-जयवीर ¨सह, बसगोई
सड़क को काली करने में तारकोल व रोड़ी की मोटाई मानकों के अनुसार नहीं लगी है। इससे सड़क की क्वालिटी खराब है। इसे गंभीरता से लेकर इसकी तकनीकी जांच होनी चाहिए।
-ओम प्रकाश, बांधनू
पीएमजीएसवाई की सड़कों का क्वालिटी के मामले में नाम सुना था। लेकिन सड़क देखकर लगता है कि इसकी सरकार व उसके नुमाइंदों का कोई ध्यान नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए।
-राजकुमार तोमर, रेलवे स्टेशन सासनी।
इनका कहना है
सड़क निर्माण के दौरान बारिस से सड़क जगह-जगह उखड़ गई थी। जिसे ठीक करा दिया गया है। पांच साल तक रखरखाव की ठेकेदार की जिम्मेदारी है। इसके लिए इनका 7.5 फीसदी भुगतान रोक लिया है। जिसे मरम्मत के समय तथा निर्धारित वर्षों में दिया जाता है।
-सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई