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गेहूं की जगह आलू किसानों को मुआवजा देने की पुष्टि

संवाद सहयोगी, हाथरस : मुरसान के गांव खजूरिया में गेहूं की जगह आलू किसानों को मुआवजा दिए जाने की प

By Edited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 12:55 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 12:55 AM (IST)
गेहूं की जगह आलू किसानों   को मुआवजा देने की पुष्टि

संवाद सहयोगी, हाथरस : मुरसान के गांव खजूरिया में गेहूं की जगह आलू किसानों को मुआवजा दिए जाने की पुष्टि तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने कर दी है। इससे जिलाधिकारी बेहद गंभीर हो गए हैं। उन्होंने एसडीएम सदर से इस मामले में लेखपाल से स्पष्टीकरण तलब कर रिपोर्ट देने को कहा है। इधर, खजूरिया की विस्तृत रिपोर्ट के लिए खेत-खेत का सर्वे कराने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया है। लापरवाह लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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खजूरिया में एक ही परिवार के 6 आलू उत्पादक किसानों को गेहूं की फसल नुकसान का 6 लाख रुपये राहत राशि के रूप में दिए जाने जाने का आरोप लगाया गया था। इसे लेकर तमाम ग्रामीणों ने तहसील में प्रदर्शन किया था। मामले की जानकारी जिलाधिकारी शमीम अहमद खान के संज्ञान में आने के बाद इस मामले की जांच के लिए एसडीएम सासनी संजय कुमार पांडेय, उप निदेशक कृषि रामप्रताप व जिला उद्यान अधिकारी एसके गुप्ता को जांच सौंपी गई थी। तीनों अफसरों ने गांव में जाकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी गई है। जिलाधिकारी ने इस मामले में संलिप्त लेखपाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश एसडीएम सदर को दिए हैं। एसडीएम ब्रज किशोर दुबे ने लेखपाल को नोटिस दे दिया है। इधर खजूरिया की विस्तृत जांच के लिए डीएम के निर्देश पर चार सदस्यीय टीम बनाई गई है, जिसमें नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक लेखपाल सासनी से व दो लेखपाल हाथरस से शामिल किए गए हैं। टीम गांव के प्रत्येक प्लाट का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट देगी।

91 अधिकारी जानेंगे

नुकसान की हकीकत

हाथरस : 33 फीसद से अधिक नुकसान वाली गेहूं व जई की फसलों के मुआवजे की रकम आने से पहले जिलाधिकारी विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार कराने में जुट गए हैं। इसके लिए जनपद के 91 आला अफसरों को सर्वे टीम की कमान सौंपी गई है। यह टीम एक सप्ताह में डीएम को अपनी रिपोर्ट देगी। इन्हें एसडीएम की देखरेख में विस्तृत पड़ताल करनी होगी।

मुआवजा वितरण में आई परेशानियों व शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने दूसरे चरण की मुआवजा राशि आने से पहले ही अपनी सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए तहसील टीम के साथ संबंधित लेखपाल के कार्यों पर निगरानी के लिए जनपद के 91 आला अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी नामित किया है। यह अधिकारी प्रत्येक राजस्व गांव में हुए नुकसान का प्लाट टू प्लाट विस्तृत सर्वे कराकर अपनी रिपोर्ट तैयार कराएंगे। इस रिपोर्ट में प्रभावित किसानों का पूरा ब्यौरा जुटाना होगा। दो हजार से बड़ी रकम के लिए किसानों के खाते व बैंक डिटेल भी जुटाई जाएगी। सर्वे कार्य में लेखपाल के साथ संग्रह अमीन, किसान सहायक व अन्य ग्राम स्तरीय अधिकारी भी लगाए जाएंगे। इस बार यह राहत केवल गेहूं व जई के किसानों को ही मिले इसका पूरा ध्यान रखा जाना है। इसकी रिपोर्ट एसडीएम प्रतिदिन सायं चार बजे लेंगे। डीएम ने स्पष्ट किया है कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं होगी।


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