पटैनी चेकडैम की अटकी जांच
संवाद सहयोगी, हाथरस : पांच वर्ष पूर्व काली नदी पर पटैनी के निकट जलस्तर बढ़ाने के लिए लगाए गए चेकडैम
संवाद सहयोगी, हाथरस : पांच वर्ष पूर्व काली नदी पर पटैनी के निकट जलस्तर बढ़ाने के लिए लगाए गए चेकडैम की गुणवत्ता को लेकर की गई शिकायत की जांच अधर में अटकी हुई है। जल निगम द्वारा अभिलेख उपलब्ध न कराए जाने से दिक्कत आ रही है। अब लघु ¨सचाई के सहायक अभियंता ने अधिशासी अभियंता जल निगम से अभिलेख मांगे हैं, ताकि जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके।
जल संरक्षण के लिए सरकारी विभागों द्वारा अपने स्तर से प्रयास किए जाते हैं। इसके लिए वर्ष 2009-10 में काली नदी पर जनपद में अलग-अलग स्थानों पर सात चेकडैम बनाए गए थे। इनमें सबसे खराब गुणवत्ता पटैनी में बनाए गए चेकडैम की थी। जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर पर शिकायत की गई। इसमें गलत तरीके से चेकडैम बनाए जाने से पानी का फ्लो बढ़ने से मिट्टी कटान के बाद पानी किसानों के खेतों में घुस जाने और फसल बर्बाद होने की बात कही गई थी। पीड़ित किसानों ने भी इसकी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच का कार्य सहायक अभियंता लघु ¨सचाई को सौंपा गया। कई बार जांच के लिए अभिलेख मांगे गए, लेकिन जल निगम ने अभी तक अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए हैं। इससे जांच कार्य काफी समय से लंबित पड़ा हुआ है। अब फिर से एई एमआई महेश कुमार शर्मा ने अधिशासी अभियंता जल निगम से प्राकलन, मेजरमेंट बुक, माप की छायाप्रति उपलब्ध कराने को लिखा है। ताकि समय से जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके।
इनका कहना है.
चार साल पहले चेकडैम बना था। जिससे मिट्टी कटान से किसानों की फसल को नुकसान हुआ था। इसका नक्शा आदि मांगा गया था, जो पहले ही दे दिया गया था। यह मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। फिर भी एमबी आदि की कॉपी मांगी जा रही है तो यह जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दी जाएगी। कटान रोकने के लिए मनरेगा से मिट्टी कार्य कराया जा सकता है, जिससे समस्या का समाधान हो जाएगा।
-राकेश कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम।