निलंबन के दो वर्ष बाद शिक्षक पर एफआइआर
संवाद सहयोगी, हाथरस : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिषदीय विद्यालय में नौकरी पाने वाले शिक्षक के
संवाद सहयोगी, हाथरस : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिषदीय विद्यालय में नौकरी पाने वाले शिक्षक के खिलाफ कोर्ट के आदेश से एफआइआर दर्ज हुई है। इस शिक्षक का निलंबन दो वर्ष पहले ही हो चुका था। एफआइआर दर्ज न होने पर आरटीआइ एक्टिविस्ट ने कोर्ट की शरण ली और शिक्षक व उसके पिता के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।
इंजीनिय¨रग के पेशे से जुड़े राजीव कुमार निवासी जिन्हेरा थाना मिरहची (एटा) ने आरटीआइ के माध्यम से डायट हाथरस में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। उनके गांव में अचानक हुई शिक्षकों की भरमार से उन्हें शक हुआ। वर्ष 2007 में गांव के ही ओमप्रकाश के यहां से ही हाथरस डायट में दाखिले का क्रम शुरू हुआ था। ओमप्रकाश के बेटे संजीव कुमार उपाध्याय का वर्ष 2007 बैच में यहां प्रवेश हुआ था। उन्होंने प्रवेश के संबंध में संजीव कुमार उपाध्याय के प्रमाण पत्र यूपी बोर्ड से उपलब्ध कराने की मांग की। राजीव कुमार के अनुसार आरटीआइ में उजागर हुआ कि संजीव ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की फर्जी अंकतालिकाओं से डायट में दाखिला लिया और 9 फरवरी 2009 में जिले में नौकरी भी मिल गई। राजीव की मानें तो उनके गांव के ही लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लोग इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बन चुके हैं। राजीव की इस शिकायत पर डायट व बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी संजीव कुमार के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराया, जो कि फर्जी निकले। 28 जून 2011 को संजीव की सेवा समाप्त कर दी गई। उस समय वे प्राथमिक विद्यालय शहजादपुर में तैनात थे।
तत्कालीन बीएसए ने उस समय तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी को एफआइआर के निर्देश दिए थे। राजीव का आरोप है कि दो वर्ष गुजरने के बाद भी संजीव के खिलाफ एफआइआर नहीं हुई। ऐसे में उन्होंने अक्टूबर 2014 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने संजीव कुमार के पिता ओमप्रकाश पर भी फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार रात संजीव कुमार व ओमप्रकाश के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की। राजीव का आरोप है कि ओमप्रकाश फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर कई लोगों को नौकरी दिला चुका है। वह इसी तरह के कार्य में लिप्त है। एसओ गेट नित्यानंद ने कहा कि धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।