सांसद आदर्श ग्राम योजना की गाइड लाइन आ गई
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसदों को आदर्श गांव बनाने के लिए दिए
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसदों को आदर्श गांव बनाने के लिए दिए गए प्रस्ताव के बाद अब इसके लिए भारत सरकार ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है। भारत सरकार के अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए जिला स्तरीय अफसरों को योजना से अवगत करा दिया है।
ग्राम स्वराज्य व ग्राम
समुदाय को महत्व
राष्ट्रीय गर्व, देशभक्ति, एकता, आत्मविश्वास के लिए प्रेरित करना। मद्यपान से मुक्ति, योग की प्रक्रिया, बड़ों का सम्मान करना भी इन गांवों के नागरिकों का उद्देश्य होना चाहिए। गांव की उपलब्धि पर गर्व करें। ग्राम स्वराज्य तब है जब गांव अपना भोजन खुद तैयार करें। सभी के पास काम हो, सभी साक्षर बनें। ग्रामीण उद्योग फल फूल रहे हों और गांव में पूरी साफ सफाई हो।
यह होंगे प्रमुख कार्य
सांसदों की ऊर्जा को आदर्श गांवों को विकसित करने में उपयोग के अलावा लोगों की क्षमता के अनुरूप निजी व स्वैच्छिक प्रयासों से पीएमजीएसवाई, मनरेगा, आजीविका, ग्रामीण जलापूर्ति जैसे कार्यक्रमों का संचालन, सीएसआर, निजी क्षेत्र की भागीदारी, सहकारी समितियों, शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी जुटाना। इन कार्यक्रमों की प्लानिंग व मॉनीटरिंग करना भी शामिल है।
महत्वपूर्ण पहलू
व्यक्तिगत विकास, मानव विकास, सामाजिक विकास, आर्थिक विकास, पर्यावरण विकास, बुनियादी सुविधा सेवा, सामाजिक सुरक्षा, सुशासन।
यह रहेगा प्लान
एक माह में सांसद को 3 से 5 हजार की आबादी वाले गांव का चयन 10 नवंबर तक करना होगा, जिसमें तीन माह में गतिविधि शुरू हो जाएगी। आठ माह में कार्यक्रमों को मंजूरी मिल जाएगी। योजना में पूरी पंचायत चुनी जाएगी। सांसद अपने तथा अपनी पत्नी पक्ष का गांव चयन नहीं करेंगे। जिला कलक्टर नोडल अधिकारी होंगे।
यह है लक्ष्य
मार्च 2019 तक तीन आदर्श गांवों को विकसित करना है, जिसमें एक गांव को 2016 तक पूर्ण विकसित कर लिया जाएगा। इसके बाद अगले सत्र में प्रतिवर्ष एक गांव का चयन कर विकास किया जाएगा।
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