आबादी घोषित न होने से कामधेनु को पलीता
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय कामधेनु डेयरी प
संवाद सहयोगी, हाथरस : प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय कामधेनु डेयरी परियोजना में बैंकों के साथ प्रशासनिक मशीनरी भी रोड़ा बनी हुई है। पशुओं के लिए शेड बनाने से पहले उस इलाके की आबादी की घोषणा जरूरी है। इसकी विधिक कार्रवाई तहसील से होनी है। डीएम ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन इस आदेश पर अमल नहीं हो रहा है।
सासनी की तीन कामधेनु डेयरी परियोजनाएं ओमप्रकाश शर्मा ऊतरा, शकूर खां भोजगढ़ी व राजपाल सिंह दिसवार अजरोई के नाम से स्वीकृत हो चुकी हैं। इन्हें गाय-भैंस पालन के लिए शेड बनवाने हैं। भवन निर्माण से पहले कृषि भूमि का उपयोग नौहियत बदलना जरूरी है। इसके लिए विधिक प्रक्रिया है।
एसडीएम सासनी ने इसकी स्वीकृति नहीं दी है जिससे टिन शेड नहीं बनाए जा सके हैं। बैंक लोन देने से कतरा रही है। डीएम की ओर से कई बार रिमांडर दिया गया है। डीएम के आदेश एसडीएम के पास पहुंच चुके हैं लेकिन आबादी घोषित होने की धारा-143 बाधक बनी हुई है।
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