कूड़ा निस्तारण नहीं होने से सफाई अभियान को धक्का
हाथरस : सरकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था सुधरेगी तभी गंदगी से मुक्ति मिल सकेगी और स्वच्छता अभियान सफल ह
हाथरस : सरकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था सुधरेगी तभी गंदगी से मुक्ति मिल सकेगी और स्वच्छता अभियान सफल हो सकेगा।
अभी कूड़ा निस्तारण की लचर व्यवस्था है। नगर व ग्रामीण क्षेत्र में घरों व पशुओं के बाड़े से निकलने उठाने में लेट लतीफी होती है। अगर कूड़ा उठाया भी जाए तो गंदगी अक्सर दूसरे स्थान पर ले जाकर खुले में छोड़ दी जाती है।
गांवों का कूड़ा घूरों पर डाल दिया जाता है जिससे सड़ांध उठती रहती है। शहरों में नगरीय निकाय द्वारा जो कूड़ा उठाया जाता है उसके लिए स्थाई डंप स्थल न होने से कहीं भी खाली स्थान पर डाल दिया जाता है। कूड़े के निस्तारण के लिए खास इंतजाम नहीं होते हैं। सुबह आठ या नौ बजे तक जो कूड़ा उठता है, उसी को पालिका के वाहन ले जाते हैं। इसके बाद डाला गया कूड़ा पूरे 24 घंटे तक पड़ा रहता है। रविवार को दैनिक जागरण टीम ने नया मिल कंपाउंड का जायजा लिया जहां कूड़े के ढेर पर सूअर घूमते दिखे।
पानी एकत्र न होने दें
मौसम बदलने के साथ ही डेंगू ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। कहीं भी पानी एकत्र न होने दें। गंदगी बीमारियों की जड़ है। खुद सफाई रखें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
टिप्स:
-कूलरों का पानी तत्काल निकाल दें।
-सड़क किनारे गंदगी न फेंकें।
-नालियों में पॉलीथिन न डालें। -साबुन से हाथ धोकर ही खाएं-पीएं।
- डा. सुनील कुमार अग्रवाल,
बाल रोग विशेषज्ञ
स्वच्छता से सफलता
स्वच्छता जीवन का मूल मंत्र है। तन के साथ मन भी शुद्ध रहता है। हमें अपने जीवन में स्वच्छता की आदत डाल लेना चाहिए। घर के साथ ही सामाजिक वातावरण भी शुद्ध हो तो देश का विकास होगा।
-अनुज गर्ग 'पिंकी', समाजसेवी