मनोज हत्याकांड के आरोपियों को जमानत
संवाद सहयोगी, हाथरस : मनोज हत्याकांड में जेल में निरुद्ध मुख्य आरोपी कृष्णकांत उर्फ दरोगा व उसके
संवाद सहयोगी, हाथरस : मनोज हत्याकांड में जेल में निरुद्ध मुख्य आरोपी कृष्णकांत उर्फ दरोगा व उसके साथी को जमानत मिल गई है। दोनों आरोपियों को एडीजे-तृतीय के यहां से जमानत मिली है। हत्याकांड के एक माह बाद मुश्किल से दरोगा पुलिस के हत्थे चढ़ा था।
23 फरवरी की शाम मुरसान के गांव खेड़ा बरामई में मनोज कुमार को गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्याकांड में सपा नेता कृष्णकांत शर्मा उर्फ दरोगा का नाम सामने आया था। दरोगा उस वक्त सपा में सक्रिय था। चुनावी माहौल में छवि को खतरे में भांपते हुए पार्टी ने तत्काल कृष्णकांत को निष्कासित कर दिया था। मामले में मनोज की पत्नी मालती देवी ने छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें मुख्य आरोपी कृष्णकांत शर्मा उर्फ दरोगा के अलावा उसके भाई सतीशचंद्र शर्मा, सनेवीर, सुभाष, जुगेंद्र व वेदप्रकाश को आरोपी बनाया था। पुलिस ने सबसे पहले सनेवीर को जेल भेजा था। इसके बाद शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कुर्की नोटिस चस्पा किया गया। मुरसान पुलिस के अलावा आस-पास के जनपदों की पुलिस भी कृष्णकांत उर्फ दरोगा को ढूंढ़ रही थी। इस बीच मृतक के परिजनों को धमकियां भी मिलीं। इसकी शिकायत मुरसान कोतवाली में भी की गई। 23 मार्च को मुख्य आरोपी दरोगा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बामौली मोड़ से उसे गिरफ्तार किया गया।
आरोपी सनेवीर व कृष्णकांत तब से जेल में थे। मामले में जमानत के लिए उन्होंने जिला जज के यहां अर्जी दी। एडीजे तृतीय की कोर्ट में दो दिन पहले हुई सुनवाई में दोनों आरोपियों को यहीं से जमानत दे दी गई। आरोपियों को जमानत मिलने से मनोज के परिजन क्षुब्ध हैं। हत्याकांड में हुई इस जमानत को लेकर अधिवक्ताओं के बीच भी चर्चा है।
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