गंदगी की भरमार, खो गए खेवनहार
संवाद सहयोगी, हाथरस : गंदगी को लेकर तमाम प्रयासों के बाद भी हम अभी तक नहीं चेते हैं, जबकि हमें पता ह
संवाद सहयोगी, हाथरस : गंदगी को लेकर तमाम प्रयासों के बाद भी हम अभी तक नहीं चेते हैं, जबकि हमें पता है कि गंदगी ही बीमारियों की जननी है। सरकारी मशीनरी से लेकर आम जन तक इसमें खास रुचि नहीं दिखा पा रहे हैं, जिससे आज भी नगर व देहात क्षेत्र में तमाम जगह गंदगी के ढेर नजर आते हैं। कूड़ा हटाने के लिए कोई खेवनहार नहीं नजर आ रहा जो शहर को साफ-सुथरा बना दे।
शहर में प्रतिदिन जो कूड़ा निकलता है, उसके डिस्पोजल के ठोस इंतजाम नहीं हैं। नगर में सफाई अभियान तड़के शुरू होता है तो आठ बजे के बाद नगर पालिका कूड़े को हटाने के लिए अपने वाहन भेज देती है। इसके बाद ज्यादातर जगहों पर कूड़ा डालने का सिलसिला शुरू होता है। बाजारों में तो कूड़ा बाजार खुलने के बाद ही सड़कों पर फेंका जाता है, जिससे पूरे दिन जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आते हैं, जो अगले दिन ही साफ हो पाते हैं। वहीं जगह-जगह बने डंप स्थलों की सफाई तो हो ही नहीं पाती। मंडी समिति व नेशनल हाईवे पर तमना गढ़ी के पास जिला पंचायत कार्यालय के सामने बने कूड़े के ढेर तो महीनों से साफ नहीं हो पाए हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। सफाई के लिए कोई भी खेवनहार नहीं मिल रहा।
सभासद ने दिया ज्ञापन : विकास, जलभराव एवं सफाई कर्मचारियों के वेतन को लेकर वार्ड संख्या 14 की सभासद लक्ष्मी देवी ने नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। कहा है कि वार्ड 14 में काफी टूटी-फूटी सड़कें व जलभराव है। आने-जाने में समस्या पैदा होती है। टेंडर के बावजूद विकास कार्य नहीं हुआ। इसके बावजूद नलों की री-बोरिंग का ठेका दे दिया गया। जिन-जिन वार्डो की री-बोरिंग की गई है उनकी दोबारा जांच कराई जाए।
स्वच्छता अभियान : सिकंदराराऊ
के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों ने स्वच्छता अभियान चलाया। प्रधानाचार्य होडिल सिंह ने कहा कि गदंगी के कारण अनेक बीमारिया जन्म लेती हैं। रेलवे स्टेशन पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सफाई कार्य किया। इस कार्य में रक्षपाल सिंह, राममिलन, कृपाल सिंह, हरिश्चन्द्र, बलराम शर्मा, विजेन्द्र सिंह, सुभाष कुमार, महेन्द्र पाल, शैलेन्द्र सिंह, गवेन्द्र सिंह, अजय कुमार, भानू प्रकाश, विवेक वशिष्ठ आदि थे।
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दूसरे देशों से लें सबक
विश्व में भारत को गंदे देश के रूप में पहचाना जाता है। यहां आने वाले सैलानी भी यहां की गंदगी देखकर यहां के लोगों को हेय दृष्टि से देखते हैं। हमें दूसरे देशों से कुछ सीखना चाहिए और अपने तथा आसपास के गंदे स्थानों को चयनित कर उन्हें डिस्पोजल कराने के लिए तत्काल जुट जाना चाहिए। अगर हम वातावरण को शुद्ध करने का काम करेंगे तो हम विश्व में अपनी पहचान तो कायम करेंगे ही साथ ही बीमारियों से भी बच जाएंगे।
-सतीश सिंह, समाजसेवी।
गंदगी हटनी ही चाहिए
गंदगी में पैदा होने वाले मच्छर, मक्खी व वायरस तमाम बीमारियों को जन्म देते हैं। इसीलिए इनसे फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए गंदगी हटनी ही चाहिए।
टिप्स:-
-कूड़ा करकट किसी भी खुले स्थान पर न रहने दें।
-साबुन से हाथ धोकर ही खाने पीने की चीजें छुएं।
-पॉलीथिन में खाने पीने की चीजें कतई न लायें।
-प्रतिदिन सफाई के लिए समय अवश्य निकालें।
-डा.आरके सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ।