अपनों के बीच ही बापू बेगाने
जागरण संवाददाता, हाथरस : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कतई अंदाजा नहीं रहा होगा कि उनके सम्मान में
जागरण संवाददाता, हाथरस : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कतई अंदाजा नहीं रहा होगा कि उनके सम्मान में बनाए जाने वाले पार्को और उनकी प्रतिमाएं गंदगी के बीच इस हाल में होंगी। शहर के तीनों पार्को की दुर्दशा है। यहां वर्षो से कभी कोई जीर्णोद्धार का कार्य नहीं हुआ। न ही इनके विकास के लिए कभी कोई प्रस्ताव। सासनी में भी प्रतिमा आज भी टूटी हुई लगी है। अनदेखी के कारण ही पार्को का जीर्णोद्वार नहीं हो पा रहा है।
किशोर टाकीज गांधी पार्क :
यहां लगी प्रतिमा का हाल बेहाल है। अब तो उसकी चार दीवारी भी जर्जर हो चुकी है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गांधी पार्क के जीर्णोद्धार के लिए पालिका ने कभी कोई प्रयास ही नहीं किया। कम से कम सफाई तो की ही जानी चाहिए मगर यहां पर कूड़े का ढेर है।
मधुगढ़ी गांधी पार्क :
बापूजी के सम्मान में बनाए गए पार्को की सुध लेने वाला कोई नहीं है। पार्क में गंदगी के ढेर हैं। क्षेत्रीय निवासी गंदगी और बदबू से परेशान हैं लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पालिका के कर्मचारियों ने इस ओर झांक कर भी नहीं देखा। पहले पार्क की चार दीवारी करा गेट चढ़ाया गया था। एक नल भी लगाया गया था लेकिन एक सप्ताह बाद ही नल खराब हो गया और दीवार टूट गई। पार्क जानवरों की आरामगाह बना है। क्षेत्र का कूड़ा यहीं डाला जाता है।
गांधी पार्क तिराहा :
गांधी पार्क के कारण ही इस तिराहे का नाम गांधी पार्क तिराहा रखा गया था लेकिन अब गांधी की मूर्ति परामर्श सेवा समिति के भवन में समा गई है और गांधी जी एक कोने में सिमट कर रह गए हैं। एक जमाने में यहां पर हरियाली थी। अब यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं है।
सासनी सीएचसी :
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगी बापू की प्रतिमा क्षतविक्षत है। कहीं तो कान टूटा है कहीं उनकी नाक को पत्थर मार कर तोड़ दिया गया है, लेकिन इस ओर प्रशासनिक कर्मचारी महान विभूति की प्रतिमा के संरक्षण में कोई ध्यान नहीं देतें। न ही प्रशासनिक अधिकारियों को कभी झांकने की फुरसत मिली।