सरकारी भवनों में उड़ रहे धुएं के छल्ले
जागरण संवाददाता, हाथरस : सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी-सिगरेट पीने पर रोक हैं, इसके बावजूद लोगों को कहीं भी धुएं के छल्ले उड़ाते देखा जा सकता है। यहां सरकारी दफ्तरों में भी ये नजारा देखा जा सकता है। आज तक शायद ही यहां किसी पर जुर्माना लगा हो।
केन्द्र व राज्य सरकारें भले ही लोगों को तम्बाकू के इस्तेमाल से बचाने और उनके स्वास्थ्य को बचाने के लिए अभियान चला रही हों मगर लोग इस पर ध्यान नहीं देते।
सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थलों पर पाबंदी लगा रखी है इसके बावजूद सड़कों चौराहों पर लोग धड़ल्ले से धुएं के छल्ले उड़ाते हैं। सरकारी दफ्तरों में अधिकारी व कर्मचारी भी धुएं के छल्ले उड़ाने वालों में शामिल होते हैं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई परवाह नहीं है।
करीब सात वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, सिनेमाघर, मंदिर, पर्यटन स्थलों व सरकारी विभागों में बीड़ी-सिगरेट के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी। व्यावहारिक रूप से देखे तो इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
दीवारों पर भले वैधानिक चेतावनी लिखवा दी गई हो। सार्वजनिक स्थलों व सरकारी परिसर में धुआं उड़ाने वाले एक भी व्यक्ति के खिलाफ शायद ही आज तक कार्रवाई की गई हो। नतीजतन, लोग बेफिक्र होकर सार्वजनिक स्थलों धुएं के छल्ले हवा में उड़ाते हैं।
स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
कलक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील, ब्लाक, दीवानी न्यायालय, वाणिज्य-कर, श्रम विभाग, उद्यान, नगर पालिका समेत अधिकांश दफ्तरों में तम्बाकू के धुएं की चपेट में आने से लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
नहीं वसूला जुर्माना
धूम्रपान निषेध कानून के उल्लंघन पर न्यूनतम 100 रुपये जुर्माना व कारावास की सजा का प्रावधान है। जिले में इस कानून के तहत एक भी व्यक्ति को सजा नहीं दी गई है।
चलेगा अभियान
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिया है कि सरकारी परिसर में बीड़ी-सिगरेट न पीने दी जाए। यदि इस पर अमल नहीं हो रहा होगा तो अभियान चलाया जाएगा। कई बार लोग पकड़े जाते हैं पर चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया जाता है।
-----