लखनऊ से बजेगी फोन की घंटी
जागरण संवाददाता, हाथरस :
जिला स्तरीय अधिकारी को दफ्तरों से अनावश्यक बाहर रहना महंगा पड़ सकता है। मुख्य सचिव जब चाहे उनकी दफ्तर में उपस्थिति का जायजा ले सकेंगे। उन्होंने सभी कार्यालय के बेसिक फोन क्रियाशील रखने के कड़े निर्देश दिए हैं। जिन अधिकारियों के कार्यालय में बेसिक फोन उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें तत्काल कनेक्शन लेने व खराब फोन दुरुस्त कराने की हिदायत दी गई है।
प्रमुख सचिव का फरमान आने के बाद जिलाधिकारी शमीम अहमद खान ने कार्यालयों के बाहर दीवार/पट्टिका पर बेसिक फोन नंबर अंकित कराने तथा जनपद की वेबसाइट पर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय के बेसिक फोन नंबर डिसप्ले किए जाने के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी कार्यालयों के बेसिक फोन नंबर का मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के भी निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को प्रात: 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अनिवार्य रूप से अपने कार्यालयों में बैठकर जनसमस्याओं की सुनवाई कर निस्तारण की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के कडे़ निर्देश दिए हैं। डीएम ने बताया कि इस दौरान वह स्वयं विभिन्न कार्यालयों में बेसिक फोन पर कॉल करके उनकी उपस्थिति की तस्दीक करेंगे। मुख्य सचिव या शासन के अन्य अफसर भी उनका बेसिक फोन नंबर डायल कर सकते हैं। इस दौरान अनुपस्थित अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फोन खराब होने का बहाना नहीं चलेगा।
सीयूजी नंबर नहीं कारगर :
शासन ने अफसरों को सीयूजी नंबर उपलब्ध कराए हैं ताकि उच्चाधिकारी व आम जनता उनसे किसी भी समय बात कर सकें। अफसोस, अधिकांश अधिकारियों के सीयूजी नंबर या तो बंद रहते हैं या उठते नहीं हैं। उच्चाधिकारियों की तरफ से यदि उनकी लोकेशन ली जाती है तो घर बैठे भी वह दफ्तर में होने की झूठी सूचना देते हैं। जनता से मिलने के निर्धारित समय में भी अफसर गायब रहते हैं। मगर, अब अफसरों को कार्यालयों में बैठकर जनता की समस्याएं सुननी ही होगी। डीएम के निर्देश पर कनेक्शन लेने व खराब फोन दुरुस्त कराने की कवायद शुरू हो गई है।