घरों को दी जा रही उद्योगों की बिजली
संवाद सहयोगी, हाथरस : उद्योग बंधु की बैठक में डीएम ने भले ही आश्वासन दिया हो, लेकिन उद्यमियों की समस्या का समाधान आसान नहीं। इंडस्ट्रियल एरिया के स्वतंत्र फीडर से आधा दर्जन से अधिक रिहाइशी इलाके जुड़े हैं, जिन्हें शिफ्ट करना विभाग के बस की बात नहीं। इसके लिए विभाग के पास फिलहाल कोई योजना भी नहीं है।
औद्योगिक विकास में बिजली की अहम भूमिका है। अनियमित कटौती व आए दिन फाल्ट/ट्रिपिंग की समस्या उद्योगों के विकास में सबसे बड़ी रुकावट है। बुधवार को कलक्ट्रेट में उद्योग बंधु की बैठक हुई। उद्यमियों ने बिजली की समस्या उठाते हुए औद्योगिक आस्थान के स्वतंत्र फीडर से आस-पास के रिहायशी इलाके जुड़े होने की समस्या रखी। इस पर डीएम ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। डीएम ने समस्या के समाधान के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए, लेकिन अधिकारियों को कोई विकल्प नहीं सूझ रहा है। इस फीडर से साकेत कालोनी, गिर्राज कालोनी, लेबर कालोनी, बसंत व्यू, मुंशी गजाधर सिंह मार्ग व अन्य इलाके जुड़े हैं। इन इलाकों को अलग करना फिलहाल विभाग के बस की बात नहीं।
जिला उद्योग केंद्र के जीएम आरके यादव ने कहा कि औद्योगिक आस्थान के स्वतंत्र फीडर की स्थापना औद्योगिक इकाइयों के लिए हुई थी। अन्य इलाकों के जुड़ने से उद्योग धंधों पर असर पड़ रहा है। आइआइए के चेयरमैन आशीष बंसल ने कहा कि जंफर व लोड के कारण फाल्ट की समस्या रोजाना की है।
उधर, विद्युत विभाग के जेई तेजपाल ने तर्क दिया कि औद्योगिक आस्थान में ही रिहायशी मकान बने हुए हैं। अन्य फीडरों पर लोड होने के कारण आस-पास के इलाके इससे जोड़े गए हैं।
इनका कहना है-
डीएम के आदेशानुसार इस समस्या का समाधान तलाशा जा रहा है। विकल्प मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
गुलाब सिंह, एक्सईएन प्रथम।
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