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शैक्षिक संस्थानों का बनेगा डाटा बेस

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 01:11 AM (IST)
शैक्षिक संस्थानों का बनेगा डाटा बेस

जागरण संवाददाता, हाथरस :

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शासन ने उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के शिक्षण संस्थानों का मास्टर डाटा तैयार करने का निर्णय लिया है। ताकि, वहां पढ़ने वाले जनपद के छात्र-छात्राओं को भी छात्रवृत्ति व प्रतिपूर्ति शुल्क का लाभ दिया जा सके। जनपदों में संचालित बैंक, बैंक शाखा व उनके आईएफएस कोड भी मास्टर डाटा में आनलाइन भरे जाएंगे। शैक्षिक संस्थानों का डाटा तैयार होने के बाद ही छात्रवृत्ति व प्रतिपूर्ति शुल्क का नवीनीकरण व नए आनलाइन आवेदन होंगे।

प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सामान्य वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना नियमावली-2012 जारी की है। नियमावली के प्रावधानों को लागू करने के लिए समय सारणी निर्धारित की गई है। इसके तहत पांच जून से 25 जुलाई तक शैक्षिक संस्थानों का मास्टर डाटा बेस बनेगा। साथ ही बैंक, बैंक शाखा व उनके आईएफसी कोड का शुद्ध विवरण भरा जाएगा। 26 जुलाई से 10 अगस्त तक जिला समाज कल्याण अधिकारी मास्टर डाटा बेस में उल्लेखित प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के विवरण का मिलान यूपीटीयू, एआईसीटीई, यूजीसी, एनसीटीई, एमसीआई, विश्वविद्यालयों, शिक्षा परिषदों एवं बोर्ड आफ टेक्निकल एजूकेशन आदि की वेबसाइट से करेंगे। प्रदेश से बाहर की संस्थाओं के विवरण की जांच व त्रुटियों के निराकरण समाज कल्याण निदेशालय, लखनऊ करेगा। 10 अगस्त को ही मास्टर डाटा बेस को सार्वजनिक किया जाएगा। प्रदेश से बाहर के संस्थाओं के मास्टर डाटा बेस को प्रभारी अधिकारी, समाज कल्याण निदेशालय सार्वजनिक करेंगे।

एक सितंबर से 31 अक्टूबर तक छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का आवेदन व नए आवेदन आनलाइन सबमिट करेंगे। सात नवंबर तक आनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी शिक्षण संस्थानों में जमा होगी। 15 नवंबर तक शिक्षण संस्थान आनलाइन विवरण को सत्यापित कर शिक्षा विभाग को संस्तुति सहित अग्रसारित करेंगे। 20 नवंबर तक प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेशों में अध्ययनरत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं के आवेदन में भरे विवरण को सत्यापित कर गृह जनपद के समाज कल्याण अधिकारी को संस्तुति सहित हार्ड कॉपी प्रेषित की जाएगी।

25 नवंबर तक शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षा संस्था, पाठ्यक्रम व वास्तविक छात्र संख्या की प्रामाणिकता के संबंध में आनलाइन विवरण को सत्यापित व अग्रसरित करेंगे।

पांच दिसंबर तक तमाम विवरण को पुन: जिला समाज कल्याण अधिकारी से सत्यापित होने के बाद एनआईसी द्वारा यूपीटीयू, विश्वविद्यालय, शिक्षा परिषदों आदि की वेबसाइट से मिलान किया जाएगा। छात्रों के डाटा को आपस में मिक्स कर डुप्लीकेट डाटा की छंटनी, परीक्षण कर शुद्ध किया जाएगा व संदेहास्पद डाटा संबंधित जनपदों की छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति को भेज दिया जाएगा।

15 दिसंबर तक जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति हार्डकॉपी में स्वीकृत कर जिला समाज कल्याण अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृत डाटा आनलाइन लाक किया जाएगा।

31 दिसंबर तक धनराशि छात्र-छात्राओं के खातों में भेज दी जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन के सचिव केराम मोहन राव ने निदेशक समाज कल्याण, निदेशक जनजाति विकास, समस्त मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को समय-सारणी के तहत प्रक्रिया को पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।

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