सिकंदराराऊ कांड में अब दिग्गजों की बारी
संवाद सहयोगी, हाथरस : सिकंदराराऊ कांड में भले ही अब तक छोटे अफसर नाप दिए गए हों, मगर अब दिग्गजों पर गाज गिरना तय है। खुद मुख्यमंत्री व डीजी ने संज्ञान लेकर मंडलायुक्त से पूरे प्रकरण की जांच कराई है। जांच रिपोर्ट शासन तक पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि जल्द इसके परिणाम सामने आ जाएंगे।
बता दें कि सिकंदराराऊ में 14 जुलाई को युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे जिंदा जला दिया गया था। अगले दिन दलित समाज के लोग युवती के शव को कोतवाली के सामने सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। उग्र लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ फायरिंग भी करनी पड़ी। रात में पुलिस ने दलित बस्ती में भी तांडव किया। इसके बाद सियासी सरगर्मी तेज हुई। इस प्रकरण में जिला स्तर पर सबसे पहली गाज सिकंदराराऊ कोतवाली में तैनात कोतवाल पर गिरी। उन्हें निलंबित कर दिया गया। फिर सीओ को वहां से हटाकर एसपी दफ्तर में अटैच कर दिया गया। इसके बाद एसडीएम को बदल दिया गया। पुलिस ने बवाल को लेकर एक रिपोर्ट खुद दर्ज की। फिर चार दिन तक आगजनी आदि को लेकर रिपोर्ट दर्ज होने का सिलसिला चला। जो खुद में ही संदिग्ध नजर आया। जिले के पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों ने मान लिया कि मामला ठंडा पड़ गया और उनके कर्तव्य की इतिश्री हो गई, मगर शासन सिकंदराराऊ कांड को लेकर गंभीर है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि एक स्थानीय वरिष्ठ सपा नेता ने लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री के समक्ष पूरा मामला रखा। इस दौरान डीजी (पुलिस महानिदेशक) भी मौजूद थे। इसके बाद शासन ने अलीगढ़ के मंडलायुक्त को पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए। सूत्रों के मुताबिक मंडलायुक्त ने जांच पूरी कर शासन को भेजी दी है। यह रिपोर्ट शासन में पहुंचने के बाद पुलिस के तीन आला अफसरों के नपने के संकेत मिल रहे हैं। उम्मीद है कि इसी सप्ताह के अंदर शासन से फरमान जारी हो सकता है।
गाड़ी बरामद, पर है कहां?
सिकंदराराऊ : सामूहिक दुष्कर्म मामले में युवती को जिस गाड़ी में अगवा कर जसवंतनगर से यहां लाया गया था वह पुलिस ने बरामद कर ली है। उसे कहीं ऐसी जगह खड़ा किया गया है कि किसी को भनक न लगे। पुलिस अधिकारी उसके बारे में कुछ भी जानकारी देने को तैयार नहीं।
बता दें कि जिस युवती के साथ यहां सामूहिक दुष्कर्म कर उसे जिंदा जलाया गया उसे आरोपी उसकी ससुराल जसवंतनगर से अगवा करके लाए थे। वहां उसके देवर के मोबाइल नंबर पर फोन कर कहा गया था कि युवती की मां बीमार है और उसे बुलाया है। मुख्य व नामजद तीन अन्य आरोपियों के जेल पहुंच जाने के बाद पुलिस उस गाड़ी की तलाश में जुटी जिससे युवती को जसवंतनगर से सिकंदराराऊ लाया गया। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि यह गाड़ी पुलिस ने बरामद कर ली है, मगर उजागर नहीं कर रही। इसी लिए उसे ऐसी जगह खड़ा किया गया है कि किसी को भनक न लगे। जब इस संबंध में सीओ पवन गौतम से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इन्कार कर दिया। कहा कि गाड़ी के बारे में एसपी या एएसपी से पूछो।