महासमर-नेताजी को सता रही परदेशियों की याद
जागरण संवाददाता, हाथरस :
जनपद में परदेशियों को घरवाले ही नहीं! नेताजी भी याद कर रहे हैं। किसी को फोन तो किसी को चिट्ठी-पाती लिखकर बुलाया जा रहा है। वे किसी के बेटे हैं तो किसी के भाई, मगर नेताजी के लिए बस वे वोटर हैं। परदेशियों के प्रति नेताजी का प्यार बिलावजह नहीं उमड़ रहा। दरअसल, हाथरस संसदीय सीट पर चुनावी पेंच फंस गया है। नेताजी को एक-एक वोट की दरकार है। उन्हें लगने लगा कि अब दूर जा बसे लोग ही उनकी नैया पार लगा सकते हैं।
क्षेत्र में 50 हजार से अधिक वोटर ऐसे हैं, जो बाहर रहते हैं। लोकतंत्र के सबसे बड़े महासमर में प्रत्याशी एक-एक वोट पर नजर गड़ाए हुए हैं। कई दिनों से परदेशियों के प्रति उमड़ रहा प्यार, अब बेचैनी में बदल गया है। रोजी-रोटी की तलाश में अपनों से दूर दूसरे शहरों में जा बसे इन लोगों के वोट पाने के लिए प्रत्याशी हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
मतदान की तिथि निकट आते ही प्रत्याशियों के समर्थक घर से दूर रहने वाले परिवारों व व्यक्तियों को बुलाने के लिए कई दिनों से फोन पर संपर्क कर बुलाने का अनुरोध करने में जुटे हैं। ऐसे लोगों को चिट्ठी तक लिखी गईं हैं। कुछ ने उनके ही घर वालों से फोन करवा रहे हैं या चिट्ठी लिखवा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार करीब रहने वाले परदेशियों को बुलाने के लिए प्रत्याशियों ने गुपचुप ढंग से गाड़ियों की व्यवस्था कर दी है, ताकि मतदान के दिन उन्हें पोलिंग बूथ पर लाकर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके।
नेताओं की इस बेचैनी से उन परिवारों की बल्ले-बल्ले है, जिनके घर से तीन-चार लोग बाहर रह रहे हैं। शुक्रवार को नेता इनके मुखिया की खुशामद करने में लगे रहे। नेताजी की कोशिश है कि हर परदेशी मतदान के दिन अपने घर आ जाए। कुछ प्रत्याशियों ने तो परदेशियों को अपने मेहमान के रूप में भी आमंत्रित किया है। मसलन, घर आने से लेकर इनके रहने तक का खर्च भी नेताजी वहन करने को तैयार हैं।
शिनाख्त के बाद ही मतदान
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी सुनेश कुमार ने बताया कि ऐसे लोग जो बाहर रहते हैं, उनकी फर्जी वोटिंग की आशंका रहती है। मतदान के दिन फर्जी मतदान न हो, इसके लिए समस्त पोलिंग पार्टियों को मतदाता की फोटो से शिनाख्त करने के निर्देश दिए हैं।