बड़ों के पैर छुए छोटों को दुलार
जागरण संवाददाता, हाथरस : सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर सफेद कुर्ता पजामा पहने रालोद-कांग्रेस प्रत्याशी निरंजन सिंह धनगर, अपने घर के दरवाजे पर होते हैं, तो देखते हैं कि बाहर कार्यकर्ता खड़े हैं। अरे, क्या हुआ? अभी आप गए नहीं क्षेत्र में। कार्यकर्ताओं ने कहा कि गाड़ी का इंतजार कर रहा हूं। अरे क्या हुआ इनकी गाड़ी का। भई समय कम है। बस्ते सभी बांटने हैं। नेताजी तुम सूजिया जाओ, बेटे तुम देहातों में। शर्मिला छर्रा जाओ। सभी को जिम्मेदारी देते हुए खुद निकल गए छर्रा विधान सभा क्षेत्र में जनसंपर्क करने के लिए।
सोमवार की सुबह जागरण टीम इगलास अड्डा स्थित श्री धनगर के आवास पर पहुंची। निरंजन सिंह, भोर में ही उठ गए थे। दैनिक प्रक्रिया से निवृत्त होने के बाद उन्होंने बेटे पीयूष, आयुष, सिद्धार्थ व पत्नी शर्मिला धनगर के साथ चुनाव की रणनीति पर मंत्रणा की। उन्हें जिम्मेदारी दी जनसंपर्क की। वहीं बस्ता बांटने का जिम्मा कार्यकर्ताओं को देते हुए नीचे उतर कर आए तो बाहर लोगों की भीड़ लगी थी। सभी को क्षेत्र में जाने के निर्देश दिए। इसके बाद वह खुद अपनी गाड़ी में बैठकर पहुंच गए छर्रा विधान सभा। उन्होंने नानऊ रोड के अकबरपुर, नया नगला, जलाली, पिलखना, कौड़ियागंज होते हुए दोपहर दो बजे पहुंच गए छर्रा। जिन गांवों में वह गए गाड़ियों को देखकर लोगों की भीड़ लग गई। श्री धनगर ने गांवों में बुजुगरें के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हम उम्र मिले तो उन्हें गले से लगा दिया। छोटे उम्र वालों को दुलार देते हुए हाल चाल लिया। भई, नेताजी इलाके में हों और कोई चाय-पानी न पूछे। ये कैसे हो सकता है? किसी के घर पानी पिया तो किसी के घर चाय। कहीं छाछ मिली तो कहीं एक टुकड़ा ले उसे ही खाया। भाभी, दादी, चाची, ताई के पैर छुए। फिर मांगा आशीर्वाद। छर्रा के बाद वह तीन बजे सिकंदराराऊ आ गए। यहां भी लोगों से आशीर्वाद लिया। नेताजी का काफिला हाथरस आ पहुंचा। कई जगह नुक्कड़ सभाएं की। शाम को सात बजे उन्होंने शहर में रोड शो कर सभी से आशीर्वाद मांगा। देररात वह अपने घर आए। साथ ही रालोद मुखिया की सभाओं को लेकर समर्थकों से वार्ता की और कहा कि अब समय नहीं है। मेहनत में किसी प्रकार की कमी न हो। जिसे जो जिम्मेदारी दी जा रही है उसे निभाएं। उनके साथ में अन्य रालोद कार्यकर्ता भी थे।