प्रधान ने निजी भूमि पर खुदवा दिया तालाब
- महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से करा दिया कार्य
हरदोई, निज प्रतिनिधि : मनरेगा वाकई में ग्राम प्रधानों की जागीर बन कर रह गयी है। शाहाबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत जमुही में ग्राम प्रधान ने मनरेगा के तहत अपनी निजी भूमि पर न सिर्फ तालाब खुदवा दिया, बल्कि पौधरोपण भी करा डाला।
ध्यान रहे कि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गांवों में तालाब खोदने और इनके आस पास पौध रोपण करने का कार्य प्राथमिकता से कराया जाता है। नियमत: गांव में पहले से स्थित तालाबों का सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण कराये जाने के साथ ही ग्राम पंचायत की भूमि पर नया तालाब भी खुदवाया जा सकता है, लेकिन एक ग्राम प्रधान ने गोलमाल की सभी हदें पार करते हुए अपनी निजी भूमि पर तालाब खुदवा दिया। मामला शाहाबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत जमुही का है। यहां ग्राम प्रधान प्रमोद कुमार ने अपनी निजी भूमि पर 1 लाख 75 हजार रुपये मनरेगा के तहत खर्च कर तालाब की खुदाई करा दी। इतना ही नहीं मनरेगा के तहत ही सौंदर्यीकरण का नाम देने के लिए पौधरोपण का कार्य भी करवा दिया गया। पौधरोपण के कार्य पर भी 75 हजार रुपये खर्च कर दिये गये। मामले की शिकायत सीडीओ तक पहुंची तो उन्होंने जांच के आदेश दे दिये और जांच के लिए बाकायदा तीन सदस्यीय टीम भी गठित कर दी। सूत्रों की मानें तो शिकायत सही पायी गयी है और इस मामले में सोमवार को कार्रवाई का चाबुक चल जायेगा। वैसे इस प्रकरण से यह भी साफ हो गया कि सच में मनरेगा ग्राम प्रधानों की ही जागीर बन कर रह गयी है।
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