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बुखार व डायरिया रोगियों से पटे अस्पताल

हरदोई, जागरण संवाददाता: जनपद में बुखार व डायरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इनकी चपेट में कई सैकड़ा ल

By Edited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 06:16 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 06:16 PM (IST)
बुखार व डायरिया रोगियों से पटे अस्पताल

हरदोई, जागरण संवाददाता: जनपद में बुखार व डायरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इनकी चपेट में कई सैकड़ा लोग आ चुके हैं। स्वास्थ्य महकमा इस संबंध में कागजी घोड़े दौड़ाने में जुटा हुआ है। स्वास्थ्य केंद्रों में न तो दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही चिकित्सक मिलते हैं। इससे मरीजों को निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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मौसम की करवट लेने के साथ ही बुखार और डायरिया रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी चपेट में कई गांव आ चुके हैं। जिला अस्पताल आने वाले मरीजों में 80 फीसद बुखार व डायरिया से पीड़ित हैं। गंभीर रोगी जिला अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। जिला अस्पताल में विगत 12 घंटे में बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल में पिहानी के राजकोट निवासी श्रीमती, पिपरी के ब्रजेश, हर्रेया निवासी रामगोपाल, पिहानी के सुरेश, महोलिया शिवपार निवासी राजेश गुप्ता, मरेला निवासी राजाराम, परसपुर निवासी शीतला व सांडी के जीतराम को बुखार से पीड़ित होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं यासीनपुर निवासी सौदागर, टड़ियावां के जनसरी निवासी राजेंद्र, बावन चुंगी निवासी शिवरानी, अरवन ताली निवासी संतोष, आशा नगर की पल्लवी, मंसूरापुर के बाबूराम, कटकीपुरवा निवासी पूजा, आवास विकास की कुमकुम, अठरुवा निवासी लक्ष्मी, कांशीराम कालोनी निवासी रेनू व बख्तावरपुरवा की अनीता को डायरिया से पीड़ित होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अस्पताल में नहीं मिलती दवाएं : जिला अस्पताल में संक्रामक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल में इस माह 271 लोगों की जांच की गई। जिसमें सात मलेरिया के रोगी मिले। वहीं 210 मरीजों की जांच में 52 मरीजों को मियादी बुखार के लक्षण पाए गए। जिला अस्पताल में मरीजों को पैरासिटामाल और डाइक्लो की दवा ही दी जाती है। जिला अस्पताल के स्टोर प्रभारी का स्थानांतरण हो जाने के कारण वह दवाइयों के विषय में कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। स्टोर में दवाएं होने के बावजूद दवा काउंटर पर दवाइयों का टोटा रहता है। इससे मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।

शोपीस बना कंट्रोल रूम : जिले में संक्रामक रोग नियंत्रण के लिए टीबी वार्ड के पास कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां चिकित्सकों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है पर शनिवार को कंट्रोल रूम खाली पड़ा था। वहां पर जानकारी देने के नाम पर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था। उसने बताया कि उसे कोई जानकारी नहीं है। प्रभारी कहीं गए हुए हैं। उनके आने पर ही जानकारी हो सकेगी।

सांडी क्षेत्र में भी प्रकोप : सांडी के ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों में बड़े पैमाने पर बुखार व डायरिया ने जकड़ रखा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन दो सौ बुखार व डायरिया के मरीज आ रहे हैं। केंद्र पर तैनात डा. नीलमणि त्रिपाठी ने बताया जो भी दवा लिखी जा रही है वह अस्पताल से ही मिल रही है। फार्मासिस्ट हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि स्टाक का चार्ज अभी नहीं मिल पाया है इसलिए जानकारी नहीं है। फिलहाल मरीजों के लिए दवा मुहैया कराई जा रही है।

हरपालपुर में दवाओं का टोटा : कटियारी क्षेत्र के एक मात्र सरकारी अस्पताल में सामान्य दवाओं समेत जीवन रक्षक दवाइयों का अकाल है। अस्पताल के स्टोर में पैरासिटामाल, सेटरजिन, मेट्रोजिल, डाइक्लो, टैक्सीम जैसे जीवन रक्षक इंजेक्शन नदारद हैं।


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