पैसेंजर ट्रेन पर संकट के बादल
कोथावां, संवाद सूत्र : बालामऊ सीतापुर के बीच में अंग्रेजी सरकार से शुरू हुई रेल सेवा पर संकट के बादल
कोथावां, संवाद सूत्र : बालामऊ सीतापुर के बीच में अंग्रेजी सरकार से शुरू हुई रेल सेवा पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। बालामऊ से सीतापुर होते हुए बुढ़वल तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन इससे पूर्व तीन महीने तक बंद रहने के बाद मार्च में बहाल हुई तो किन्हीं कारणों से सप्ताह के दो दिनों शनिवार एवं रविवार को इस ट्रेन का संचालन रोक दिया गया।
बालामऊ से बुढ़वल तक का सफर करने वाले दैनिक यात्रियों एवं इस लाइन की आबादी की रेल यातायात सेवा अब छिनती नजर आ रही है। इसी रेल सेवा से बेनीगंज बालामऊ, सीतापुर, कानपुर जहां व्यवसायिक दृष्टि से प्रगति पथ पर थे। वहीं मिश्रिख नैमिषारण्य, हत्याहरण जैसे तीर्थ स्थलों की तीर्थ यात्रियों को अब निश्चित रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। बेनीगंज स्टेशन मास्टर शिवराज ¨सह से बताया सुबह बालामऊ से बुढ़वल तक चलने वाली ट्रेन संख्या 54321 व वापस बुढ़वल से बालामऊ रात्रि में 54322 पहुंचने वाली पैसेंजर ट्रेन का संचालन सात मई 2016 से शनिवार व रविवार को रोक दिया गया है। अनिश्चितता के कारण इसका प्रभाव दैनिक टिकट बिक्री पर भी पड़ा है। वहीं 17 व 18 जून को दोपहर में गुजरने वाली पैसेंजर ट्रेन महोली और मैगलगंज के बीच में करना नदी के पुल पर कार्य चलने से रोकी गई है। रेल सूत्रों का मानना है कि बालामऊ से बुढ़वल तक रेल लाइन दो जोन एरिया में आता है। इस कारण तकनीकी खामियां हैं। सुबह गुजरने वाली ट्रेन को सीतापुर में चार घंटे खड़ी रखते हैं। इस समय ट्रेन की सफाई, पानी व अन्य समस्याएं नहीं दूर हो पाती हैं। वापस बालामऊ में ही ट्रेन की सफाई, पानी व अन्य समस्याएं दूर की जाती हैं। यह भी एक वजह हो सकती है। यह समूची लाइन उत्तर तथा तथा उत्तर-पूर्वी रेल जोन में आती हैं। दो जोन में पड़ने से रेल विभाग के अधिकारियों में आपस में तालमेल न बैठना भी समस्या है। स्टेशन मास्टर ने बताया कि रेल सेवा का शेड्यूल निश्चित न होने से यात्रियों की आशंका बनी हुई है कि ट्रेन आएगी या नहीं इस बिक्री पर असर पड़ा है।