बंजर में हरियाली, तालाब से खुशहाली
हरदोई, जागरण संवाददाता: आजादी की जंग में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशजों ने तालाब खोदव
हरदोई, जागरण संवाददाता: आजादी की जंग में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशजों ने तालाब खोदवाकर जंगल में मंगल कर दिया है। बंजर में हरियाली लाने को चलाई गई सरकारी योजना फेल हो गई, लेकिन तालाब ने खुशहाली ला दी। स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र ने तालाब खुदवाकर आसमानी अमृत को सहेजा तो अब उनका पौत्र परंपरा निभा रहा है। सूखा और नहर में पानी न आने के बाद भी वह निजी संसाधनों से तालाब में पानी भरवा रहे हैं। इतना ही नहीं मुफलिसी को मात देने की राह दिखाने वाले तालाब पर स्वतंत्रता सेनानी की याद में राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहरा जश्न भी मनाया जाता है।
मझिला थाना क्षेत्र के धनवार निवासी स्वतंत्रता सेनानी जगन्नाथ मिश्रा का परिवार जल संरक्षण की मुहिम चला रहा है। 100 बीघा ऊसर खेत था तो आसपास के खेत भी बंजर थे। ऊसर सुधार योजना भी खेतों को नहीं सुधार सकी तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पुत्र भानुदत्त मिश्रा ने खेत के निचले हिस्से में जमा होने वाले पानी से ही आसपास के खेतों में प्राण फूंकने का प्रयास किया। भानुदत्त मिश्र के पुत्र आमोद मिश्र बताते हैं पिता ने 1990 में निचली जमीन पर तालाब खुदवाया। धीरे धीरे यह कोशिश रंग लाने लगी और खेतों की रंगत ही बदल गई। कुछ दिनों बाद पिता का निधन हो गया। आमोद कहते हैं कि उन्होंने खेतीबाड़ी संभाली। पिता का सपना साकार करने के लिए ऊसर जमीन में छह-छह बीघा के दो और तालाब खुदवाए। बारिश का पानी तालाब में सहेजने के साथ पड़ोस के माइनर से पानी भरने का इंतजाम किया। उनका कहना है कि तालाब से आसपास की जमीन में नमी बढ़ी तो बंजर जमीन पर हरियाली आ गई। पड़ोस के दूसरे किसानों का हौसला बढ़ा। धीरे-धीरे जल संरक्षण में कई किसान आगे आ गए और फिर उनकी ही नहीं आसपास के खेतों में भी फसल अच्छी होने लगी। बरसात का पानी तालाब में भर जाता था और जिसे जरुरत होती थी वह पंपिंग सेट से खेतों तक पहुंचा लेता। आमोद ने किसानों की मदद से खेतों तक सड़क बनवा दी है। आमोद कहते हैं कि अब पानी नहीं बरसता तो माइनर में भी पानी नहीं आता। जिस ढकिया माइनर से तालाब भरा जाता था वह सूखा पड़ा है, लेकिन वह हिम्मत नहीं हार रहे और अब निजी बो¨रग से तालाब में पानी भरवा रहे हैं। तालाब में पानी भरा रहने से आसपास खेतों में फसल भी अच्छी होती है और जानवरों के लिए भी पानी मिलता रहता है। आमोद कहते हैं कि गेंहू की फसल अच्छी हुई तो अब तालाब के आसपास मूंगफली की फसल खड़ी ह । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा जगन्नाथ मिश्रा की याद में हर साल राष्ट्रीय पर्वों पर जश्न मनाया जाता है। तालाब के पास ही एक स्थान बनवाया गया है और स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस सहित अन्य पर्वों पर झंडा फहराया जाता है।