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नहरों से उड़ती धूल, नलकूप भी पड़े बंद

हरदोई, जागरण संवाददाता : गहराते जलसंकट व सूखे से जूझ रहे किसानों को नहरों से उड़ती धूल तो चिढ़ा ही रह

By Edited By: Published: Wed, 25 May 2016 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 05:30 PM (IST)
नहरों से उड़ती धूल, 
नलकूप भी पड़े बंद

हरदोई, जागरण संवाददाता : गहराते जलसंकट व सूखे से जूझ रहे किसानों को नहरों से उड़ती धूल तो चिढ़ा ही रही है, वहीं नलकूपों के संचालन की भी स्थिति भी ठीक नहीं हैं। जायद और गन्ना फसलों की ¨सचाई के लिए नलकूपों पर आश्रित किसानों को नलकूप खराब होने के कारण दूसरे संसाधनों पर आश्रित होना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन के तालाबों में पानी भरवाए जाने के फरमान पर भी सूखा पड़ गया है।

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सूखे जैसे हालातों से निपट रहे किसानों को गन्ना फसल और जायद की ¨सचाई के लिए राजकीय संसाधनों में नहरों और नलकूपों का सहारा रहता है। गहराते जल संकट में पंपसेट भी पूरी मात्रा में पानी नहीं दे पा रहे हैं। किसानों को फसलों की ¨सचाई के लिए और प्रशासन के तालाबों में पानी भरवाए जाने के लिए नहरों से अधिक उम्मीद थी, लेकिन नहरों में पानी न होने से धूल उड़ रही है। वहीं जिले में स्थापित 681 नलकूपों में से काफी संख्या में नलकूप खराब पड़े हैं। इनमें से अधिकांश नलकूप बिजली न होने से बंद हैं। अधिशासी अभियंता एके पांडेय का कहना है जिले में स्थापित 681 नलकूपों में 23 नलकूप बिजली दोष से बंद पड़े हैं जबकि 7 नलकूप यांत्रिक दोष से बंद हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि बिजली दोष से इससे कहीं अधिक नलकूप खराब हैं। इन पर काम होना है और समस्या दूर न होने से नलकूपों का संचालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। इस पर अधिशासी अभियंता का कहना है कि यांत्रिक दोष से बंद नलकूपों की मरम्मत करा जल्द चालू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि बिजली विभाग के अभियंता को समस्या दूर कराने के लिए कहा गया है।


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