एकजुट विपक्ष के बाद भी अभेद्य ही रही गढ़ी
हरदोई, जागरण संवाददाता : गढ़ी को घेरने की कोशिश में इस बार कसर तो कोई नहीं छोड़ी गई। पुराने गिले शिकव
हरदोई, जागरण संवाददाता : गढ़ी को घेरने की कोशिश में इस बार कसर तो कोई नहीं छोड़ी गई। पुराने गिले शिकवे भूल कर सपाइयों ने एक जुट होकर रणनीति भी बनाई। लेकिन गढ़ी अभेद्य ही रही। लगातार पांचवीं बार भरखनी में गढ़ी का आशीर्वाद लेकर मैदान में उतरा प्रत्याशी ही सफल रहा।
भरखनी विकास खंड में लंबे समय से सवायजपुर गढ़ी का ही अधिपत्य रहा है। सवायजपुर विधानसभा क्षेत्र से बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर लड़े माधवेंद्र प्रताप ¨सह रानू इसी गढ़ी के हैं और कर्मभूमि भरखनी ही है। वर्ष 1995 में महिला सीट होने पर रानू ने अपनी मां गीता ¨सह को ब्लाक प्रमुख बनवाया था, जबकि अगले चुनाव 2000 में भी वे सामान्य सीट होने पर भी अपनी मां को ही आगे कर ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर बैठाने में सफल हुए थे। 2005 में सीट सामान्य होने पर रानू के छोटे भाई धीरेंद्र प्रताप ¨सह सेनानी ब्लाक प्रमुख चुने गए थे। बीते पंचायत चुनाव यानी 2010 में सीट पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुई तो गढ़ी ने अपने ही एक समर्थक नीतू को मैदान में उतार कर ब्लाक प्रमुख बनवाया था। इस बार यह सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित थी। गढ़ी की ओर से नीरजा कुमारी को आशीर्वाद मिला था, तो दूसरी ओर गढ़ी को भेदने के लिए विपक्ष पूरी दम से खड़ा था, लेकिन गढ़ी की रणनीति के आगे सब कुछ धरा रह गया। रविवार को मतदान और मतगणना के बाद सामने आए परिणामों से स्थिति एकतरफा ही नजर आई।
रानू के बहाने बची भाजपा की लाज : यूं तो भाजपा ने ब्लाक प्रमुख चुनाव में अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की थी, लेकिन फिर भी रानू के बहाने भाजपा लाज बचाने में सफल रही। 19 विकास खंडों में से भाजपा को मल्लावां, माधौगंज, भरखनी, हरपालपुर में उम्दा प्रदर्शन की उम्मीद थी। मल्लावां और माधौगंज में पार्टी ने एक तरह से विरोधियों को वाक ओवर दे दिया तो दूसरी ओर हरपालपुर में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पम्मू यादव के आशीर्वाद से उतरे प्रत्याशी से भाजपा प्रत्याशी की करारी हार हो गई।