कान में कह रहे नेताजी, तुम हमारे हो
हरदोई, जागरण संवाददाता : पंचायत चुनाव के जरिये विधानसभा चुनाव का माहौल बनाने की कवायद में जुटी स
हरदोई, जागरण संवाददाता : पंचायत चुनाव के जरिये विधानसभा चुनाव का माहौल बनाने की कवायद में जुटी समाजवादी पार्टी अपनों से उलझने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। एक ओर जहां जिला पंचायत सदस्य की हर सीट पर प्रत्याशी तय करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था, वहीं चुनाव के पहले चरण के मतदान की पूर्व संध्या तक एक भी प्रत्याशी पार्टी द्वारा नहीं घोषित किया गया। यह बात और है कि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक के कान में पार्टी के नेता साथ होने का मंत्र फूंक रहे हैं।
जनपद में जिला पंचायत सदस्य के कुल 72 पद हैं। इन सभी पदों पर समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी लड़ाने का फैसला किया था। आवेदन मांगे गए थे और समर्थन का चयन करने के लिए कमेटी भी गठित की गई थी। फिर अचानक अंदर खाने समर्थित प्रत्याशी घोषित न करने की चर्चा सामने आई। सपा जिलाध्यक्ष शराफत अली का कहना है कि पार्टी समर्थित प्रत्याशी घोषित न करने का निर्णय प्रदेश नेतृत्व का है। हालांकि यह जवाब देते समय श्री अली का लहजा बता देता है कि वे खुद प्रत्याशिता को लेकर भारी दबाव में हैं। दरअसल पार्टी के कई प्रमुख नेता चुनाव में भाग्य आजमाने उतरे हैं। हाल यह है कि जिला महासचिव वीरे यादव की पत्नी अनीता यादव, सपा के जिला उपाध्यक्ष पारुल दीक्षित, सपा जिलाध्यक्ष शराफत अली के पुत्र मोहम्मद अयूब, सपा के प्रदेश सचिव राजेश यादव की पत्नी ममता यादव अलग-अलग सीटों से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन औपचारिक तौर पर किसी को भी सपा का समर्थन हासिल नहीं है।
अब सपा के जिम्मेदार नेता दावेदारों को कान में समझाते घूम रहे हैं कि पार्टी लाइन की मजबूरी के चलते समर्थन नहीं दिया जा सका, लेकिन उनकी मदद को हर तरह से तत्पर हैं। कान में मिल रहे समर्थन से कार्यकर्ता उत्साहित तो हो जाते हैं, लेकिन पीड़ा छिपाने से परहेज नहीं करते।